कणकवली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक नितेश राणे ने एक कार्यक्रम में कहा कि अगर आपके गांव में मेरे विचार का सरपंच नहीं चुना गया तो मैं आपके गांव को फंड नहीं दूंगा। नितेश राणे 18 दिसंबर को होने वाले महाराष्ट्र ग्राम पंचायत चुनाव के प्रचार के लिए नंदगांव आए थे। इस दौरान नितेश राणे द्वारा दिया गया यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने नंदगांव के ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा “अब यह मेरे हाथ में है कि किस गांव को फंड देना है और किसको नहीं। इसलिए मतदान करते समय इस बात का ध्यान रखें। अगर आपके गांव में मेरे विचारों का सरपंच चुना गया तो ही फंड दूंगा।
अगर यहां मेरे विचारों का सरपंच भूल से भी नहीं चुना गया तो मैं एक रुपया भी नहीं दूंगा। इस बात का ध्यान में पूरा रखूँगा। जिला योजना हो, ग्राम विकास हो, 25:15 फंड हो या केंद्र सरकार का फंड ही। इनका फंड किसे देना है, इसके सारे सूत्र मेरे हाथ में हैं। पालक मंत्री हों, कलेक्टर हों, संबंधित कोई भी मंत्री हो, उपमुख्यमंत्री हों या मुख्यमंत्री, मुझसे पूछे बिना नंदगांव में कोई फंड नहीं देगा। नितेश राणे ने कहा कि आप इसे धमकी समझें या कुछ और समझे।
इससे पहले भी नितेश राणे ने ग्राम पंचायत को राशि आवंटन को लेकर विवादित बयान दिया था। ऐसे में अब देखना होगा कि चुनाव आयोग उनके इस नए विविदास्पाद बयान के संबंध में क्या एक्शन लेता है।
‘50 लाख रुपये का फंड दूंगा’
कुछ दिन पहले नितेश राणे ने इसी तरह की घोषणा एक गांव में की थी। तब राणे ने खुलेआम ऑफर दिया था कि जिस गांव में बीजेपी की निर्विरोध ग्राम पंचायत बनेगी, वहां वे 50 लाख का फंड देंगे। बता दें कि 18 दिसंबर को सिंधुदुर्ग जिले के देवगड, दोडामार्ग, कणकवली , कुडाळ, मालवण सावंतवाडी, वैभववाडी, वेंगुर्ला तालुका में ग्राम पंचायतों के लिए मतदान होगा।