गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके तहत डीएड डिग्री वाले मदरसा शिक्षकों का मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये और बीए, बीएड और बीएससी डिग्री वाले मदरसा शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया।
यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र में आएगा सियासी भूचाल? बहस के बाद कैबिनेट बैठक से निकले अजित पवार, आज शाम करेंगे बड़ा ऐलान महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महायुति सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है। आठवले की पार्टी भी ‘महायुति’ गठबंधन का हिस्सा है।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के प्रमुख आठवले ने कहा, “महायुति सरकार सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करती है, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई या कोई और धर्म के हों। मदरसा शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाने का फैसला प्रशंसनीय है और इससे साबित होता है कि यह सरकार मुस्लिम विरोधी नहीं है।“