मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आज (10 अक्टूबर) हुई कैबिनेट बैठक में लड़कियों के लिए एक बेहद अहम फैसला लिया गया है। कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने कहा, “लेक लाडकी योजना की घोषणा मार्च 2023 के बजट सत्र में की गई थी। इसका अंतिम प्रस्ताव आज कैबिनेट बैठक में पेश किया गया। जिसे मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों और कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद लेक लाडकी योजना आज से महाराष्ट्र में लागू हो जाएगी। इसके तहत लड़कियों को 1 लाख 1 हजार की राशि दी जाएगी। लड़की के जन्म के बाद उसके 18 वर्ष की होने तक यह आर्थिक मदद विभिन्न चरणों में दी जाएगी।“
लेक लाडकी योजना क्या है?
लेक लाडकी योजना के माध्यम से महाराष्ट्र में गरीब परिवारों की लड़कियों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। विशेष तौर पर पीले और नारंगी राशन कार्ड वाले परिवारों की लड़कियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत बेटी के जन्म के बाद 5000 रुपये दिए जाएंगे। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाएगी।
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तटकरे ने कहा “यह योजना खासकर लड़कियों की जन्म दर बढ़ाने के लिए है। हम इस योजना का शुभारंभ नवरात्रि के मौके पर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण अभियान को भी पिछली कैबिनेट में मंजूरी दी गई थी।“लेक लाडकी योजना क्या है?
लेक लाडकी योजना के माध्यम से महाराष्ट्र में गरीब परिवारों की लड़कियों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। विशेष तौर पर पीले और नारंगी राशन कार्ड वाले परिवारों की लड़कियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत बेटी के जन्म के बाद 5000 रुपये दिए जाएंगे। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाएगी।
कब-कब मिलेंगे पैसे?
लेक लाडकी योजना के तहत लड़की के जन्म के बाद महाराष्ट्र सरकार 5000 रुपये देगी। फिर बालिका के पहली कक्षा में प्रवेश करने पर 6000 रुपये मिलेंगे। तीसरी किस्त लड़की के छठवीं कक्षा में पहुंचने पर मिलेगी। तब राज्य सरकार की ओर से 7000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, लड़की के ग्यारहवीं कक्षा में पहुंचने पर 8000 रुपये की मदद की जाएगी। वहीं आखिरी किस्त तब मिलेगी जब लड़की 18 साल की हो जाएगी। लड़की के बालिग होने के बाद उसे महाराष्ट्र सरकार की ओर से 75,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को सशक्त बनाना भी है।