विदर्भ में किसान आत्महत्या की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। पिछले 72 घंटों में 9 किसानों ने अपनी जान दे दी है। विदर्भ के तीन जिलों अमरावती, भंडारा, अमरावती में अन्नदाताओं के आत्महत्या का सिलसिला जारी है। इन तीन जिलों में तीन दिनों में किसानों की खुदकुशी के आंकड़े चिंताजनक हैं।
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मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 72 घंटों में अकेले अमरावती जिले में 3 किसानों ने आत्महत्या कर ली। यवतमाल में 5 किसानों ने अपनी जिंदगी समाप्त की। भंडारा जिले में एक किसान ने मौत को गले लगा लिया। भारी बारिश से यवतमाल जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इसलिए माना जा रहा है कि डिप्रेशन के चलते यहाँ के किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की है।
आत्महत्या करने वाले अधिकांश किसान छोटे किसान हैं। जो कर्ज के बोझ से दबे हुए है, उपर से बारिश ने उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाकर उन्हें गहरे आर्थिक संकट में धकेल दिया है। इसलिए यह किसान आत्महत्या जैसा घोर कदम उठा रहे है। हालांकि किसानों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है, लेकिन उसे जमीन पर उतारने में देरी हो रही है, नतीजतन आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।