ज्ञात हो कि मराठवाड़ा में किसान आत्महत्या के जो आंकड़े सामने आए हैं वह डरावने हैं। दरअसल 1 जनवरी से 25 अगस्त तक यानि 237 दिनों के भीतर मराठवाड़ा में कुल 626 किसानों ने आत्महत्या की है। जबकि आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या सबसे ज्यादा बीड जिले में है। जिले में अकेले 237 दिनों में 170 किसानों ने आत्महत्या की है।
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वहीं बीड जिले के बाद सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या औरंगाबाद में हुई है। औरंगाबाद जिले में 237 दिनों में 109 किसानों ने आत्महत्या की है। औरंगाबाद जिले में पांच मंत्री होने के बावजूद ये आंकड़े कई सारे सवाल खड़े कर रहे हैं। उस्मानाबाद (71), नांदेड (89), परभणी (50), लातूर (36) और हिंगोली में 24 किसानों ने आत्महत्या की है। गौर हो कि राज्य में जुलाई महीने के बाद अगस्त में भी मराठवाड़ा में भारी बारिश हुई है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पिछले महीने मराठवाड़ा का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हालात का जायजा लेने आदेश दिया था। साथ ही सीएम ने जल्द ही मुआवजा दिलाने का वादा भी किया। लेकिन फिर से भारी बारिश के कारण नुकसान पहुंचने वाले इलाकों की संख्या में वृद्धि हुई है। जबकि किसानों के खाते में अब तक मुआवजा नहीं पहुंचा है।