विदर्भ के वर्धा में बेमौसम बारिश ने संतरे की फसल को प्रभावित किया है। उत्तरी महाराष्ट्र के धुले, नंदुरबार, नासिक और जलगांव जिलों में बारिश से संतरा, केला, अनार और अंगूर जैसे फलों की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने के साथ बेमौसम बारिश से रबी फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘अब तक 80,000 हेक्टेयर से अधिक फसल बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है। नुकसान के आकलन के लिए पंचनामा प्रक्रिया अभी भी जारी है।’
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इस बीच, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 25 मार्च को फिर से बारिश होने की भविष्यवाणी की है। इससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लगभग पांच दिनों तक बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई। मराठवाड़ा के आठ जिलों में से नांदेड़, हिंगोली और परभणी सबसे अधिक प्रभावित हुआ। विदर्भ में बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वाशिम, यवतमाल, नागपुर, वर्धा, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरौली में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इस आफत की बारिश से प्याज किसानों को भी बहुत नुकसान हुआ है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम किसानों को संकट से उबारने के लिए पूरी मदद का आश्वासन देते हैं।” राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील ने विधानसभा को सूचित किया है कि अगले दो-तीन दिनों में फसल क्षति का पंचनामा का काम पूरा कर लिया जाएगा।