उद्धव ठाकरे ने यह फैसला तब लिया है, जब उनके नेतृत्व वाली शिवसेना एकनाथ शिंदे के विद्रोह और महाराष्ट्र में सत्ता जाने के बाद के प्रभाव से जूझ रही है। शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। इस लीकेज को रोकने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे खुद सियासी मैदान में उतरे है।
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अपनी रणनीति के तहत शिवसेना ने अब संभाजी ब्रिगेड के साथ गठबंधन किया है। इसको लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा है। फडणवीस ने संभाजी ब्रिगेड के साथ शिवसेना के गठबंधन पर पूछे गए सवाल पर कहा “मैं इस पर बस इतना ही कह सकता हूं कि विनाश काले विपरीत बुद्धि”। बीते शुक्रवार को ठाकरे ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस कर संभाजी ब्रिगेड के साथ शिवसेना के गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने इस गठजोड़ को वैचारिक बताते हुए कहा कि इसे संविधान और क्षेत्रीय गौरव को बनाए रखने के लिए किया गया है।
इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा का पालन नहीं कर रही। और कहा कि संभाजी ब्रिगेड में विचारधारा के लिए लड़ने वाले लोग हैं। इस दौरान शिवसेना अध्यक्ष ने बताया कि वह दशहरे के आसपास महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और संगठन को मजबूत बनाएंगे।
वहीँ, संभाजी ब्रिगेड के प्रमुख मनोज आखरे का कहना है कि उनके संगठन ने 2016 में अपनी राजनीतिक शाखा बनाई थी। जो अब शिवसेना के साथ आने से और विस्तारित होगी।