जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (MLC) में सत्यजीत तांबे मामले को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। थोरात ने कांग्रेस हाईकमान को लिखे पत्र में पटोले की शिकायत की है और पूछा “नाना पटोले ने एमएलसी चुनाव में मुझे बदनाम करने की कोशिश की। तो मैं उनके साथ कैसे काम कर सकता हूँ?” दरअसल नवनिर्वाचित एमएलसी सत्यजीत तांबे कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष रहे बालासाहेब थोरात के रिश्तेदार है। हाल ही में सत्यजीत और उनके पिता सुधीर तांबे ने पटोले के खिलाफ आवाज उठाते हुए पार्टी के खिलाफ बगावत की।
अपनों ने ही पटोले के खिलाफ मोर्चा खोला
नाना पटोले के खिलाफ शिकायत करने वाले बालासाहेब थोरात अकेले नहीं है। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कई कांग्रेसी नेता भी पटोले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। खबर है कि विदर्भ के कुछ नेताओं ने हाईकमान से शिकायत की है कि एमएलसी चुनाव में पार्टी की सफलता के बाद नाना पटोले श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि वह चुनाव में अन्य उम्मीदवार का समर्थन करने की बात कर रहे थे। लेकिन हमारे जोर देने पर कांग्रेस प्रत्याशी को उतारा गया और वह जीत भी गए। लेकिन अब नाना पटोले उसका श्रेय ले रहे हैं।
विदर्भ के नेता भी बंटे!
नाना पटोले पर आरोप है कि वह महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं को महत्व नहीं देते है। कई कांग्रेसी नेताओं ने नाना पटोले के कुछ फैसलों पर उंगली भी उठाई है। शिकायत में आरएसएस के करीबी कहे जाने वाले छोटू भोयर को विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारी दिए जाने का भी जिक्र किया गया है।
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अपनों ने ही पटोले के खिलाफ मोर्चा खोला
नाना पटोले के खिलाफ शिकायत करने वाले बालासाहेब थोरात अकेले नहीं है। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कई कांग्रेसी नेता भी पटोले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। खबर है कि विदर्भ के कुछ नेताओं ने हाईकमान से शिकायत की है कि एमएलसी चुनाव में पार्टी की सफलता के बाद नाना पटोले श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि वह चुनाव में अन्य उम्मीदवार का समर्थन करने की बात कर रहे थे। लेकिन हमारे जोर देने पर कांग्रेस प्रत्याशी को उतारा गया और वह जीत भी गए। लेकिन अब नाना पटोले उसका श्रेय ले रहे हैं।
विदर्भ के नेता भी बंटे!
नाना पटोले पर आरोप है कि वह महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं को महत्व नहीं देते है। कई कांग्रेसी नेताओं ने नाना पटोले के कुछ फैसलों पर उंगली भी उठाई है। शिकायत में आरएसएस के करीबी कहे जाने वाले छोटू भोयर को विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारी दिए जाने का भी जिक्र किया गया है।
गुटबाजी कांग्रेस के लिए खतरा!
दरअसल, महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के कई अलग-अलग गुट हैं। अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोरात वर्तमान में राज्य के दो सबसे बड़े गुट हैं। जबकि नाना पटोले अपना अस्तित्व मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। बीते कुछ समय से कांग्रेस नेताओं की तरफ से नाना पटोले द्वारा मनमानी किए जाने की शिकायतें आती रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस के अन्य नेताओं के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। पटोले द्वारा बुलाई गई कई बैठकों से कांग्रेस नेता मुंहमोड़ रहे है। लिहाजा पार्टी के भीतर गुटबाजी कांग्रेस के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।