एकनाथ शिंदे ने बड़प्पन दिखाते हुए साफ की स्थिति
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि महाराष्ट्र में कोई इतना काम करने के बाद और प्रचंड बहुमत से जीत लाने के बाद अपनी दावेदारी छोड़ सकता है। लेकिन एकनाथ शिंदे ने ऐसा किया है, जो उनका बड़प्पन है। अमित शाह के साथ बैठक हुई और उनपर छोड़ दिया गया कि वह फैसला लें, हमें मंजूर होगा। स्पष्ट बात रखने और बहुमत से जीतने के बाद भी मुख्यमंत्री चेहरे के नाम में काफी समय लग रहा है। इसपर शिवसेना नेता ने कहा, “इन मामलों में समय लगता है। सरकार चलानी है, इसमें किसके पास कौन सा मंत्रालय जाना चाहिए। मेरा मानना है कि इस पर सोमवार तक फैसला हो सकता है।” यह भी पढ़ें
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सीएम के नाम पर सहमति बनने के बाद बांटे जाएंगे विभाग
उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को पार्टी के बारे में सोचना है, उनका गांव जाना किसी दबाव की रणनीति का हिस्सा नहीं है। उन्होंने सभी विधायकों को स्पष्टता से बोला है कि जिन्होंने आपको मतदान दिया है, उनका आभार व्यक्त करें। अगर शिवसेना को मुख्यमंत्री नहीं तो गृह मंत्रालय और पीडब्लूडी जैसा अहम विभाग मिले। इसको लेकर शिवसेना अपनी बात कैसे रख रही है। इसको लेकर संजय शिरसाट ने कहा, “इस पर प्राथमिक स्तर पर चर्चा हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के बाद ही इस पर अंतिम चर्चा होगी। अभी तक किसी के पास कोई भी विभाग नहीं गया है।”महाराष्ट्र में दो दिसंबर को शपथ ग्रहण कर सकती है नई सरकार
सूत्रों की मानें तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ महायुति के पदाधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई, लेकिन देवेंद्र फडणवीस को नई जिम्मेदारी के लिए तैयार रहने को कहा गया है। माना जा रहा है कि सबकुछ ठीक रहा तो दो दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। इससे दो दिन पहले एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर सारी जिम्मेदारी छोड़ दी थी। यह भी पढ़ें