ज्ञात हो कि राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने भी इसे लेकर एक बयान जारी किया है। उनका कहना कि सभी स्कूलों को ऐसे बच्चों को खोजना होगा जिन बच्चों ने पढ़ाई किसी न किसी वजह से छोड़ दी। ऐसे बच्चों को फिर उन्हें स्कूल में दोबारा लाना पड़ेगा। शिक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि जैसे ही बुधवार को कक्षाएं दोबारा शुरू होंगी, कई बच्चों का स्कूल में पहला कदम होगा। इसलिए सभी स्कूलों की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों के दिन यहां खुशहाल, रोमांचक और एक्टिविटी से भरे हों। सभी स्कूलों को पहला दिन कैसे रोमांचक बनाया जाए इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
गौर हो कि पिछले साल द्वारा प्राप्त किये गए आंकड़ों के अनुसार 25 हजार से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर हैं। जिसमें से 7 हजार 800 से अधिक बच्चे कभी स्कूल नहीं गए हैं। साथ ही कोरोना महामारी के दौरन 17 हजार से अधिक बच्चे स्कूल में सही से नहीं आ रहे थे। यही कारण है कि इन्हें लेकर एजुकेशन विभाग ने तैयारी की है। उनकी प्राथमिकता इन बच्चों की एक साल की छुटी हुई पढ़ाई से जोड़ने की है।