महाराष्ट्र के सर्वोच्च नागरिक सम्मान महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार-2022 के कार्य्रकम में राज्यभर से लाखों की संख्या में लोग जुटे थे। इनमें से 13 की मौत लू लगने से हुई है। जबकि 100 से अधिक लोगों की तबियत ख़राब हो गई। इस घटना से राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। शिंदे-फडणवीस सरकार की भारी आलोचना हो रही है।
शाम को होना था कार्यक्रम!
सभी एक सुर में पूछ रहे कि अप्रैल के महीने की भीषण गर्मी में यह कार्यक्रम दोपहर में क्यों आयोजित किया गया? इस बीच शिंदे सरकार के मंत्री व नवी मुंबई के पालकमंत्री उदय सामंत ने आलोचकों को जवाब दिया है। विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए उदय सामंत (Uday Samant) ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शाम को यह कार्यक्रम करना चाहते थे। लेकिन आध्यात्मिक नेता अप्पासाहेब धर्माधिकारी के अनुयायियों ने अनुरोध किया कि शाम को कार्यक्रम के होने पर हमें घर जाने में देर रात हो जाएगी। इसलिए कार्यक्रम सुबह आयोजित किया गया।
उदय सामंत ने दी सफाई
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले 13 लोगों की मौत तेज धूप की चपेट में आने से गई है। जबकि 18 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। पूरी घटना के बारे में बताते हुए सामंत ने कहा कि ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ समारोह में जो घटना हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, ऐसी घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, इसके विपरीत ऐसी स्थिति में विपक्ष को साथ देना चाहिए।
यह भी पढ़ें
लाखों की भीड़ और खुला असमान… महाराष्ट्र सरकार के कार्यक्रम में लू लगने से कई मौतें, 100 से ज्यादा भर्ती
शाम को होना था कार्यक्रम!
सभी एक सुर में पूछ रहे कि अप्रैल के महीने की भीषण गर्मी में यह कार्यक्रम दोपहर में क्यों आयोजित किया गया? इस बीच शिंदे सरकार के मंत्री व नवी मुंबई के पालकमंत्री उदय सामंत ने आलोचकों को जवाब दिया है। विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए उदय सामंत (Uday Samant) ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शाम को यह कार्यक्रम करना चाहते थे। लेकिन आध्यात्मिक नेता अप्पासाहेब धर्माधिकारी के अनुयायियों ने अनुरोध किया कि शाम को कार्यक्रम के होने पर हमें घर जाने में देर रात हो जाएगी। इसलिए कार्यक्रम सुबह आयोजित किया गया।
उदय सामंत ने दी सफाई
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले 13 लोगों की मौत तेज धूप की चपेट में आने से गई है। जबकि 18 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। पूरी घटना के बारे में बताते हुए सामंत ने कहा कि ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ समारोह में जो घटना हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, ऐसी घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, इसके विपरीत ऐसी स्थिति में विपक्ष को साथ देना चाहिए।
‘अचानक से बदला मौसम’
खारघर में 306 एकड़ में फैले मैदान में आयोजित कार्यक्रम के लिए 600 हेल्पर, 150 नर्स, 75 एंबुलेंस तैनात थीं। अमराई में अस्पताल में 4 हजार बेड का इंतजाम किया गया था। दूसरे अस्पतालों में भी बेड रिजर्व कर दिए गए थे। जबकि 1 हजार 50 बसें भी थीं। श्री सदस्यों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान की गईं। मालूम हो कि घटनास्थल के सबसे नजदीकी मौसम विज्ञान केंद्र ने अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था।
सामंत ने आगे कहा कि पिछले दो दिनों में अचानक से मौसम में बदलाव आया। इसलिए पारा 34 से 35 डिग्री के बीच पहुंच गया। कार्यक्रम में 20 से 22 लाख लोग शामिल हुए। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसमें हुए हादसे में भी राजनीति की जा रही है। इस घटना का समर्थन नहीं किया जा सकता। लेकिन एकसाथ आकर पीड़ितों को दिलासा देना जरूरी था।