जानकारी के मुताबिक, रविवार दोपहर में खुले मैदान में आयोजित किए गए पुरस्कार समारोह के दौरान लू लगने से कम से कम 12 लोगों ने दम तोड़ दिया। इस कार्यक्रम में लाखों लोगों ने भाग लिया था। जबकि तेज धूप की चपेट में आने से 100 से ज्यादा पीड़ितों को नवी मुंबई और पनवेल शहर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एक अधिकारी ने कहा कि एक मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ा जनसैलाब भी उमड़ा था। जबकि दिन में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास तक पहुंच गया था।
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मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने रविवार रात एक विज्ञप्ति में कहा, “तेज धूप की चपेट में आने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई।” कुछ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि कुछ अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं। एक मरीज की मौत आज हो गई। जानकारी मिली है कि कल्याण में रहने वाले एक शख्स का अस्पताल में निधन हो गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इन मौतों को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है. शिंदे ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इस घटना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया किया जाएगा। साथ ही निर्देश दिया गया है कि अगर मरीजों का अतिरिक्त इलाज किये जाने की जरूरत है, तो उन्हें विशेष अस्पतालों में भेजा जाए।
विपक्ष ने की जांच की मांग
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, विधायक आदित्य ठाकरे और एनसीपी नेता अजीत पवार ने एमजीएम कमोठे अस्पताल पहुंचकर खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की।
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने कहा कि इस बात की जांच की जाए कि इतनी गर्मी में दोपहर में क्यों आयोजित किया गया। एनसीपी नेता ने कहा, ‘‘इसलिए इस बात की जांच किए जाने की जरूरत है कि कार्यक्रम का आयोजन दिन में करने का फैसला किसका था।’’ पवार ने कहा कि कार्यक्रम शाम के समय भी किया जा सकता था और केंद्रीय मंत्री अमित शाह हेलीकॉप्टर के जरिए भी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सकते थे।