जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के पूर्व नगर पार्षद उल्हास उर्फ आबा बागुल, पूर्व महापौर कमल व्यवहारे और मनीष आनंद आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। सीट बंटवारे में पार्वती विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के पास चली गई. इसके चलते आबा बागुल ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। व्यवहारे और आनंद ने क्रमशः कस्बा पेठ और शिवाजीनगर से पर्चा भरा।
एनसीपी (एसपी) ने पार्वती सीट से अश्विनी जगताप को टिकट दिया है। हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव में जगताप पार्वती क्षेत्र में बीजेपी की माधुरी मिसाल से हार गए थे। शिवाजीनगर में कांग्रेस ने मौजूदा बीजेपी विधायक सिद्धार्थ शिरोले के खिलाफ दत्ता बहिरत को मैदान में उतारा है, जिससे मनीष आनंद सहित अन्य उम्मीदवारों में नाराजगी पैदा हो गई।
कांग्रेस ने कसबा पेठ में अपने मौजूदा विधायक रवींद्र धांगेकर पर एक बार फिर भरोसा जताया है। साल की शुरुआत में हुए यहां हुए उपचुनाव में धांगेकर ने बीजेपी के हेमंत रासने को हराया था। 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में उनका मुकाबला एक बार फिर रासने से होगा।
निर्दलीय पर्चा भरने वाले नेता नामांकन वापस लें- कांग्रेस
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा, “सभी 288 सीटों पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल किया गया है। जब आप एमवीए की तुलना महायुति से करते हैं, तो हमारे समूह के भीतर कोई मतभेद नहीं है। महायुति में लड़ाई चल रही है…महायुति अब समाप्त हो चुकी है। हमने एमवीए में सभी दलों को समान व्यवहार दिया है। महायुति में बीजेपी ने एनसीपी और शिवसेना-शिंदे की सभी सीटें चुरा ली हैं। यह एक स्पष्ट संदेश है कि बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों को खत्म करना चाहती थी…महाविकास अघाड़ी हम सब एक साथ है…” महाराष्ट्र में पत्रकारों से बात करते हुए रमेश चेन्निथला ने कहा, “…हमने केवल उन्हीं उम्मीदवारों को ‘ए’ और ‘बी’ फॉर्म दिए हैं जिनके नामों की घोषणा पार्टी ने की है। जिन कांग्रेस नेताओं ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है, उन्हें अपना नामांकन वापस ले लेना चाहिए।”
महाराष्ट्र में मुख्यतौर पर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का मुकाबला विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) से है। एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और शिवसेना (UBT) है, वहीँ महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार) शामिल है।