महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन ज्यादातर बागियों ने अपना आवेदन वापस ले लिया है। हालांकि, कुछ जगहों पर नेता बगावत बरकरार रखते हुए चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार मधुरिमा राजे छत्रपति नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने से कुछ मिनट पहले कोल्हापुर उत्तर की चुनावी दौड़ से पीछे हट गईं। इससे कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा। मधुरिमा राजे छत्रपति के दौड़ से बाहर होने से कांग्रेस पश्चिमी महाराष्ट्र के अपने गढ़ों में से एक में प्रतिनिधित्व के बिना रह गई।
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कांग्रेस को उठानी पड़ी शर्मिंदगी
यह झटका तब लगा जब कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पूर्व उम्मीदवार पूर्व पार्षद राजेश लाटकर को बदल दिया और उन्हें नामांकित किया, क्योंकि पार्टी कार्यालय में पूर्व पार्षद के विरोधियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। मधुरिमा राजे छत्रपति कोल्हापुर सीट से लोकसभा सदस्य और शाही परिवार के सदस्य शाहू छत्रपति की बहू हैं। सूत्रों ने कहा कि लाटकर को नजरअंदाज किए जाने के कारण नकारात्मक प्रचार की वजह से वह शायद इस दौड़ से अलग हो गई हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अब लाटकर का समर्थन कर सकती है, जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।कहीं बागी हुए ‘अपने’ तो कहीं ‘छीटके’
उधर, कद्दावर नेता गोपाल शेट्टी के मुंबई के बोरीवली निर्वाचन क्षेत्र से पीछे हटने से बीजेपी ने राहत की सांस ली। बीजेपी उन्हें मनाने में सोमवार को सफल रही। पूर्व सांसद शेट्टी ने बोरीवली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया और घोषणा की कि वह पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार संजय उपाध्याय का समर्थन करेंगे। शेट्टी ने 2014 और 2019 में चार लाख से अधिक के अंतर से मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया गया। इसके बावजूद महायुति के लिए सिरदर्द बरकरार रही। दरअसल मुंबई के माहिम सीट से शिवसेना उम्मीदवार दादा सरवणकर ने पार्टी नेतृत्व के दबाव के बावजूद अपना नाम वापस नहीं लिया है। उनका मुकाबला महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे से होगा। अमित ठाकरे को बीजेपी का समर्थन हासिल है।
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वहीँ, बीजेपी पुणे जिले की चिंचवड सीट से बागी नाना काटे को मनाने में भी कामयाब रही, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार शंकर जगताप का इस सीट पर एनसीपी (शरद पवार) के राहुल कलाटे के खिलाफ सीधे मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस के मुख्तार शेख ने पुणे के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन वापस ले लिया और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर को समर्थन देने की घोषणा की।
विमान भेजने का भी नहीं हुआ फायदा…
देवलाली से शिवसेना उम्मीदवार राजश्री अहेराव और डिंडोरी (नासिक जिला) से धनराज महाले, जो अपने एबी फॉर्म को विशेष विमान से भेजे जाने के बाद सुर्खियों में आए थे, ने भी अपना नाम वापस ले लिया है। दरअसल महायुति के सीट बंटवारे में देवलाली और डिंडोरी अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को मिली थी, इसके बावजूद शिंदे की शिवसेना ने दोनों को मैदान में उतारा था। वहीँ, शिरडी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी नेता डॉ. राजेंद्र पिपाडा ने (Dr Rajendra Pipada) बगावत कर दी है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो दिन पहले पिपाडा को विशेष विमान से बुलाकर मनाने की कोशिश की थी। लेकिन बात नहीं बनी और राजेंद्र पिपाडा ने नाम वापस नहीं लिया, वह अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में है। इस वजह से अब शिरडी विधानसभा क्षेत्र में एमवीए के प्रभावती घोगरे, महायुति से राधाकृष्ण विखे पाटिल और निर्दलीय राजेंद्र पिपाडा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा।