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महाराष्ट्र: MVA में सीट बंटवारे का नहीं बन पा रहा गणित, 9 घंटे चली बैठक, उद्धव-शरद पवार रहे मौजूद

MVA Seat Sharing Update : विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में कम से कम 20 से 25 सीटों पर फैसला नहीं हो पा रहा है।

मुंबईOct 20, 2024 / 12:13 pm

Dinesh Dubey

Maharashtra Assembly Elections 2024 : महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। खबर है कि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) के एमवीए गठबंधन में कुछ सीटों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, मंगलवार से नामांकन दाखिल करना शुरू हो जाएगा।

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महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के बड़े नेताओं ने शनिवार को मुंबई में देर रात तक मंथन बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी (एसपी) मुखिया शरद पवार थे। इस दौरान तीनों दलों के बीच सीट-बंटवारे का गतिरोध दूर करने पर बातचीत की गई।

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मुंबई के ट्राइडेंट होटल में महाविकास अघाडी के नेताओं की बैठक शनिवार शाम 4 बजे शुरू हुई और रात 1 बजे खत्म हुई। बैठक के बाद चेन्निथला ने कहा कि विपक्षी गठबंधन की सीट-बंटवारे की बातचीत एक-दो दिनों में पूरी हो जाएगी। राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की मानें तो एमवीए में 25 से 30 सीटों पर गतिरोध जारी है।
हालाँकि, पूर्व सीएम ठाकरे ने शुक्रवार को कहा था कि सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर सौदेबाज़ी उस स्थिती तक नहीं पहुंचनी चाहिए कि गठबंधन ही टूट जाए।

शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि क्षेत्रीय दलों को सीट बंटवारे में उनकी जगह दी जानी चाहिए। 
इस बीच, इंडिया गठबंधन में सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) ने एमवीए से उसे राज्य की 288 सीटों में से 12 सीटें देने की मांग की है। खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन 12 सीटों में से पांच के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।   
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी से हार के बाद इंडिया गठबंधन के कई दलों ने अपने ही साथी कांग्रेस पर तंज कसा है। सहयोगियों का कहना है कि कांग्रेस ‘अति आत्मविश्वास’ के चलते हरियाणा में हार गई। इसके चलते कांग्रेस अब आगामी महाराष्ट्र चुनावों में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और सहयोगियों से संतुलन की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी महाराष्ट्र में कोई खतरा नहीं लेना चाहती जहां उसका दलित-मुस्लिम वोट आधार मजबूत है, जिसके चलते उसने लोकसभा चुनाव में बीजेपी से अच्छा प्रदर्शन किया था। कांग्रेस को महाराष्ट्र में 48 में से सबसे अधिक 13 सीटें मिलीं, जबकि राज्य में सबसे ज्यादा सांसद वाली बीजेपी 9 सीटों पर सिमट गई।

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