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Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार ने माना, आरक्षण के लिए 12 दिन में 19 मराठों ने दी जान

Maratha Andolan Suicide: मराठा आरक्षण के लिए अपनी जान देने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 30 साल से कम है।

मुंबईNov 05, 2023 / 03:26 pm

Dinesh Dubey

मुंबई में सुनील कावले ने मराठा आरक्षण के लिए दी जान

Maratha Quota Suicide: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय के लोग महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में डटे हुए हैं। इस बीच राज्य सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आंकड़ों से पता चला है कि 20 अक्टूबर से 1 नवंबर तक 12 दिनों की अवधि में मराठा आरक्षण के लिए कथित तौर पर 19 मराठों ने आत्महत्या की। इसी 12 दिनों की अवधि में मराठा कोटा आंदोलन में हिंसा भी हुई, जिसने राज्य को हिलाकर रख दिया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जान देने वालों में से 16 लोग विरोध प्रदर्शन के केंद्र मराठवाडा से थे। जबकि मराठा आरक्षण लागू करने के लिए एक-एक मराठों ने मुंबई, पुणे और अहमदनगर में अपनी जीवन लीला समाप्त की। इसके अलावा, मरने वालों में से 16 लोग 30 साल से कम उम्र के थे। इसमें हिंगोली की रहने वाली 17 साल की एक नाबालिग लड़की भी थी। बाकी की उम्र 40-45 वर्ष पता चली है।
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मराठा कोटा के लिए जान देने वाले 19 लोगों में से अधिकांश की मौत फांसी लगाने से हुई, जबकि एक ने बीड में पानी की टंकी से छलांग लगा दी। दो व्यक्ति कुएं में कूद गए और दो अन्य ने जहर खाकर मौत को गले लगाया।
मराठा आंदोलन के प्रमुख चेहरे मनोज जरांगे पाटील और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय से आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाने की अपील की है। सीएम शिंदे ने आश्वासन दिया है कि जब तक मराठा आरक्षण लागू नहीं हो जाता, वह चैन से नहीं बैठेंगे। लेकिन इसके बाद भी मराठा आरक्षण की खातिर एक के बाद एक आत्महत्याओं से हड़कंप मचा हुआ है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में इस साल के पहले दस महीनों में अकेले बीड जिले में 185 किसानों ने कर्ज आदि विभिन्न कारणों से आत्महत्या कर ली।
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