बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद से उद्धव ने अपने बेटे आदित्य को अपने साथ रखा है। हर मामले में , राजनीती में आदित्य का सहारा लेकर उद्धव काम कर रहे हैं। ठाकरे परिवार से पहली बार आदित्य ने विधानसभा चुनाव लड़ा और उद्धव ठाकरे पहली बार मुख्यमंत्री बने। जबकि वही से चले राज ठाकरे उठे भी और फिर गिरे भी , अब वे पुनः उठना चाहते हैं।