महाराष्ट्र की पृष्ठभूमि से जुड़े इस अधिकारी के नेटवर्क के जाल महाराष्ट्र ही नही वाशिंगटन तक फैले है । आईबी में रहते हुए दत्त के कार्यों और कुशल नेतृत्व को डोभाल ने करीब से देखा है । शायद यही वजह रही है कि डोभाल ने पडसलगीकर पर पूरा विश्वास जताया है । और विश्व मे सुरक्षा की दृष्टि से भारत को और सख्त बनाने के लिए इनकी नियुक्ति की गई है ।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सुरक्षा सलाहकार के पद पर काम करेंगे।
देश के उन तमाम बड़े और सुरक्षा मामलों में तगड़े पहुंच रखने वाले आईपीएस अधिकारियों में सफल माने जाते रहे हैं । इसका अंदाजा इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनपर डोभाल और मोदी सरकार ने भरोसा जताया है ।अजीत डोभाल के साथ काम करने का मौका दिया
देश के उन तमाम बड़े और सुरक्षा मामलों में तगड़े पहुंच रखने वाले आईपीएस अधिकारियों में सफल माने जाते रहे हैं । इसका अंदाजा इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनपर डोभाल और मोदी सरकार ने भरोसा जताया है ।अजीत डोभाल के साथ काम करने का मौका दिया
आईबी से प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र में लाया गया था ।
वर्ष 1982 में आईपीएस बने दत्ता महाराष्ट्र में ही कई क्षेत्र में काम कर चुके हैं । आईपीएस अधिकारी ने महाराष्ट्र में जांच पड़ताल विभाग में उपायुक्त ,आर्थिक अपराध शाखा में भी उपायुक्त और दक्षिण मुंबई के झोन 1 में भी उपायुक्त पद पर रहकर काम किया है । महाराष्ट्र में कई पदों पर सेवा के बाद इन्हें दिल्ली में आईबी में भेज दिया गया था । उसके बाद कई वर्षों तक वहां काम किया। लेकिन महाराष्ट्र में जब भाजपा की सरकार आई तब केंद्र की भाजपा सरकार ने विश्वास जताते हुए प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र में लेकर आई ।
वर्ष 1982 में आईपीएस बने दत्ता महाराष्ट्र में ही कई क्षेत्र में काम कर चुके हैं । आईपीएस अधिकारी ने महाराष्ट्र में जांच पड़ताल विभाग में उपायुक्त ,आर्थिक अपराध शाखा में भी उपायुक्त और दक्षिण मुंबई के झोन 1 में भी उपायुक्त पद पर रहकर काम किया है । महाराष्ट्र में कई पदों पर सेवा के बाद इन्हें दिल्ली में आईबी में भेज दिया गया था । उसके बाद कई वर्षों तक वहां काम किया। लेकिन महाराष्ट्र में जब भाजपा की सरकार आई तब केंद्र की भाजपा सरकार ने विश्वास जताते हुए प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र में लेकर आई ।
महाराष्ट्र में मुम्बई कमिश्नर और फिर डीजीपी बनाये गए
वर्ष 2016 में राज्य की अंतरिम सुरक्षा व्यबस्था को लेकर संकट से गुजर रही राज्य की भाजपा सरकार ने दिल्ली से कुशल नेटवर्क वाले अधिकारी की मांग की । और मोदी सरकार ने पडसलगीकर को भेज दिया । पहले मुम्बई कमिश्नर फिर राज्य के डीजीपी बनाये गए । पडसलगीकर के रहते हुए राज्य में एक भी आतंकी घटनाएं नही हो पाई ।
वर्ष 2016 में राज्य की अंतरिम सुरक्षा व्यबस्था को लेकर संकट से गुजर रही राज्य की भाजपा सरकार ने दिल्ली से कुशल नेटवर्क वाले अधिकारी की मांग की । और मोदी सरकार ने पडसलगीकर को भेज दिया । पहले मुम्बई कमिश्नर फिर राज्य के डीजीपी बनाये गए । पडसलगीकर के रहते हुए राज्य में एक भी आतंकी घटनाएं नही हो पाई ।
महाराष्ट्र में आईपीएस लॉबी में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की पकड़ को ढीली करने और कई लिंक तोड़ने में पडसलगीकर सफल हुए है । पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया को हटाए जाने और शीना बोरा केस को अंजाम तक लाने के साथ साथ तमाम आतंकी नेटवर्क को खत्म करने का काम इन्होंने किया है ।
इनके कार्यकाल में राज्य में एक भी घटना नही हो सकी यहां तक कि मराठा आंदोलन के समय दंगा की योजना को भी फ्लॉप कर दिया गया था । वह इनकी ही सफलता थी ।
इनके कार्यकाल में राज्य में एक भी घटना नही हो सकी यहां तक कि मराठा आंदोलन के समय दंगा की योजना को भी फ्लॉप कर दिया गया था । वह इनकी ही सफलता थी ।