शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र की राजनीति पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर (K Chandrasekhar Rao) का कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि इसका असर तेलंगाना की राजनीति पर पड़ेगा। अगर केसीआर जी ऐसे ही नौटंकी करते रहे तो तेलंगाना में भी हार जाएंगे। वह हार के डर से अब महाराष्ट्र में घुस रहे हैं। उनके 12-13 मंत्री, सांसद कल कांग्रेस में शामिल हो गए। यह केसीआर और कांग्रेस के बीच की लड़ाई है।“
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शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को KCR के महाराष्ट्र आने पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, बीआरएस प्रमुख बीजेपी की बी-टीम की तरह काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र में विस्तार करने के बीआरएस के प्रयासों का यहां की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केसीआर महाराष्ट्र में विशाल काफिले के साथ आते है, लेकिन दिल्ली में उनके कई नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। राउत ने कहा, “यह लड़ाई बीआरएस और कांग्रेस के बीच है। हम दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। लेकिन अगर आप महाराष्ट्र में बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो मैं कहूंगा कि आप (बीआरएस) बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति पर आपका कोई असर नहीं पड़ेगा. महा विकास अघाडी यहां मजबूत है।“
राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पहले असदुद्दीन औवेसी (Asaduddin Owaisi) को हैदराबाद से महाराष्ट्र भेजा और अब केसीआर को भेजा है। उन्होंने पूछा “केसीआर की छवि एक जुझारू नेता की है। तो आप बीजेपी के सामने आत्मसमर्पण क्यों कर रहे हैं?”
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (KCR) ने सोलापुर के पंढरपुर के श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में आज सुबह पूजा-अर्चना की। राव का तीर्थनगरी का दौरा आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi) से दो दिन पहले हो रहा है। सीएम केसीआर अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ 600 वाहनों का काफिला लेकर सोमवार शाम महाराष्ट्र के पंढरपुर (Pandharpur) पहुंचे। महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे के दौरान बीआरएस प्रमुख पंढरपुर और तुलजापुर की यात्रा करेंगे।
पिछले कुछ महीनों से केसीआर महाराष्ट्र में अपनी पार्टी की नींव मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने नांदेड, औरंगाबाद और नागपुर में चार रैलियां की। राज्य में बीआरएस के जन-आधार को बढ़ाने के लिए तेलंगाना के सीएम ने 15 जून को नागपुर में पार्टी का पहला कार्यालय भी स्थापित किया।