आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह द्वारा चलती ट्रेन में की गई गोलीबारी की घटना की व्यापक जांच के लिए एडीजी/आरपीएफ (एचएजी) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह जांच टीम मुंबई पहुंच चुकी है। यह कमेटी रेलवे बोर्ड को अगले तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी।
चेतन सिंह जल्दी ड्यूटी ख़त्म करना चाहता था
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मरने वाले तीन यात्रियों के लिए रेलवे ने 10 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। वहीँ, ASI टीकाराम के परिवार को सेवा नियमों के अनुसार रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि से 15 लाख रुपये, अंतिम संस्कार के लिए 20,000 रुपये, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी के रूप में 15 लाख रुपये और सामान्य बीमा योजना के रूप में 65,000 रुपये दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें
ठाणे क्रेन हादसा: अब तक 17 शव बरामद, 2 कर्मचारी अभी भी दबे, संजय राउत ने बताया ‘किसानों का श्राप’
चेतन सिंह जल्दी ड्यूटी ख़त्म करना चाहता था
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मरने वाले तीन यात्रियों के लिए रेलवे ने 10 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। वहीँ, ASI टीकाराम के परिवार को सेवा नियमों के अनुसार रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि से 15 लाख रुपये, अंतिम संस्कार के लिए 20,000 रुपये, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी के रूप में 15 लाख रुपये और सामान्य बीमा योजना के रूप में 65,000 रुपये दिए जाएंगे।
इस मामले में आरोपी चेतन सिंह पुलिस की कस्टडी में है और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। साथी पुलिसकर्मी के बयान के मुताबिक बोरीवली जीआरपी ने चेतन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरपीएफ कांस्टेबल अमेय घनश्याम आचार्य (उम्र 26 वर्ष) ने अपने बयान में ट्रेन में सुबह-सुबह हुई घटना के बारे में बताया। दरअसल अमेय की भी ड्यटी चेतन के साथ ही लगी थी। आरपीएफ जवान अमेय ने अपने बयान में कहा है कि स्वास्थ्य कारणों से चेतन सिंह की अपने सीनियर ASI टीकाराम से बहस हुई और उसके बाद चेतन ने गुस्से में आकर गोलीबारी की।
आरपीएफ कांस्टेबल अमेय उस रात मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरोपी चेतन सिंह के साथ ड्यूटी पर थे। उन्होंने अपने बयान में कहा कि आरोपी चेतन सिंह एएसआई टीकाराम मीणा से कह रहा था कि उसकी तबीयत खराब है और उसे वलसाड में उतरने दिया जाए।
अधिकारियों ने की समझाने की कोशिश
हालांकि जब एएसआई मीणा, इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र ने कंट्रोल रूम से संपर्क किया, तो वहां मौजूद एएससी (असिस्टेंट सिक्युरिटी कमिशनर) सुजीत कुमार पांडे समेत सभी ने चेतन सिंह को समझाने की कोशिश की और उससे कहा कि दो-तीन घंटे की ड्यूटी बाकी है। ट्रेन के मुंबई पहुंचने तक आराम करें और मुंबई पहुंचकर इलाज करवाए। लेकिन चेतन सिंह कुछ सुनने के मूड में नहीं थे।
किसी की बात नहीं सुन रहा था चेतन
बयान के मुताबिक, इसके बाद अमेय आचार्य चेतन सिंह को बी/4 बोगी में ले गया और एक खाली सीट पर उसे सोने के लिए कहा। इस दौरान अमेय बगल की सीट पर सिंह की राइफल लेकर बैठा था। लेकिन चेतन सिंह 10 से 15 मिनट बाद उठा और राइफल लेकर चला गया।
कुछ ही देर में खो दिया आपा!
चेतन सिंह एएसआई टीकाराम मीणा के पास गया और उनसे बहस करने लगा। हालांकि मीणा उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह उनकी बात नहीं सुन रहा था। हालांकि इसके बाद चेतन ने फायरिंग के लिए अपनी राइफल का सेफ्टी कैच हटा दिया। जब यह सब हो रहा था तो अमेय आचार्य पेंट्री-कार में चले गये थे।
अधिकारियों ने की समझाने की कोशिश
हालांकि जब एएसआई मीणा, इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र ने कंट्रोल रूम से संपर्क किया, तो वहां मौजूद एएससी (असिस्टेंट सिक्युरिटी कमिशनर) सुजीत कुमार पांडे समेत सभी ने चेतन सिंह को समझाने की कोशिश की और उससे कहा कि दो-तीन घंटे की ड्यूटी बाकी है। ट्रेन के मुंबई पहुंचने तक आराम करें और मुंबई पहुंचकर इलाज करवाए। लेकिन चेतन सिंह कुछ सुनने के मूड में नहीं थे।
किसी की बात नहीं सुन रहा था चेतन
बयान के मुताबिक, इसके बाद अमेय आचार्य चेतन सिंह को बी/4 बोगी में ले गया और एक खाली सीट पर उसे सोने के लिए कहा। इस दौरान अमेय बगल की सीट पर सिंह की राइफल लेकर बैठा था। लेकिन चेतन सिंह 10 से 15 मिनट बाद उठा और राइफल लेकर चला गया।
कुछ ही देर में खो दिया आपा!
चेतन सिंह एएसआई टीकाराम मीणा के पास गया और उनसे बहस करने लगा। हालांकि मीणा उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह उनकी बात नहीं सुन रहा था। हालांकि इसके बाद चेतन ने फायरिंग के लिए अपनी राइफल का सेफ्टी कैच हटा दिया। जब यह सब हो रहा था तो अमेय आचार्य पेंट्री-कार में चले गये थे।
कुछ देर बाद सुबह 05.25 बजे कांस्टेबल कुलदीप राठौड़ ने अमेय को फोन किया और एएसआई टीकाराम मीणा पर गोली चलाये जाने की जानकारी दी। जब अमेय आचार्य बी/5 कोच की ओर बढ़ रहा था तो उसने देखा कि चेतन सिंह के हाथ में राइफल थी और राइफल ट्रेन की ओर तनी हुई थी और वह रुक-रुक कर फायरिंग कर रहा था।
कुछ ही देर में किसी ने ट्रेन की इमरजेंसी चेन खींच दी और जिसके बाद मीरा रोड स्टेशन के पास ट्रेन रुकने के बाद चेतन उतर गया और ट्रैक के किनारे मीरारोड रेलवे स्टेशन की ओर चलने लगा। अमेय ने कहा है कि राइफल अभी भी उसके हाथ में थी।
चेतन सिंह नहीं बता रहा सच!
बता दें कि एएसआई टीकाराम मीणा (उम्र 58 वर्ष), पुलिस कांस्टेबल नरेंद्र परमार (उम्र 58 वर्ष), कांस्टेबल अमेय आचार्य (उम्र 26 वर्ष) और कांस्टेबल चेतन सिंह (उम्र 33 वर्ष) उस रात मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में ड्यूटी पर थे। इन सभी को 28 जुलाई से मेल पैसेंजर ट्रेनों के एस्कॉर्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सभी पुलिसकर्मी ट्रेन को एस्कॉर्ट करने के लिए रविवार रात 9 बजे के करीब सौराष्ट्र मेल ट्रेन से मुंबई से सूरत गए और सूरत से जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से मुंबई लौट रहे थे। हालांकि आरोपी चेतन ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उसने यह गोलीबारी क्यों की। रेल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
चेतन सिंह नहीं बता रहा सच!
बता दें कि एएसआई टीकाराम मीणा (उम्र 58 वर्ष), पुलिस कांस्टेबल नरेंद्र परमार (उम्र 58 वर्ष), कांस्टेबल अमेय आचार्य (उम्र 26 वर्ष) और कांस्टेबल चेतन सिंह (उम्र 33 वर्ष) उस रात मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में ड्यूटी पर थे। इन सभी को 28 जुलाई से मेल पैसेंजर ट्रेनों के एस्कॉर्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सभी पुलिसकर्मी ट्रेन को एस्कॉर्ट करने के लिए रविवार रात 9 बजे के करीब सौराष्ट्र मेल ट्रेन से मुंबई से सूरत गए और सूरत से जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से मुंबई लौट रहे थे। हालांकि आरोपी चेतन ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उसने यह गोलीबारी क्यों की। रेल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।