मुंबई

110 की रफ्तार से दौड़ेगी भारतीय रेल

मुंबई, पुणे, नासिक और वडोदरा के बीच सबसे पहले ट्रायल

मुंबईJun 05, 2019 / 10:12 pm

arun Kumar

Indian rail rush at 110

मुंबई. भारतीय रेलों की रफ्तार जल्द ही 110 किमी प्रति घंटे होगी। हालांकि लक्ष्य 160 किमी प्रति घंटा तय किया गया है। सबसे पहले 110 किमी प्रति घंटे वाली ट्रेन मुंंबई, पुणे, नासिक और वडोदरा के बीच चलेगी। इस साल देश की सभी गाडिय़ों में बायो-टॉयलेट लगाए जाएंगे। आठ हजार नए कोच का निर्माण भी इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। यह जानकारी रेलवे बोर्ड के सदस्य (रोलिंग स्टॉक) राजेश अग्रवाल ने बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में दी।
अग्रवाल ने कहा कि रेलवे की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी के तहत सबसे पहले मुंबई, पुणे, नासिक और वडोदरा के बीच तेज गति वाली गाडिय़ां चलाई जाएंगी। तेज रफ्तार ट्रेनों का सबसे बड़ा फायदा यात्रा अवधि में कमी के रूप में मिलेगा। यात्रियों का समय कम से कम 40 प्रतिशत बचेगा। उन्होंने बताया कि हम पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी काम कर रहे हैं। इस कड़ी में चालू साल के दौरान हम देश की सभी गाडिय़ों में बायो-टॉयलेट लगा देंगे।
साफ-सफाई के लिए लोकल की तारीफ

रेलवे बोर्ड सदस्य अग्रवाल ने मुंबई लोकल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि लोकल गाडिय़ों को साफ-सुथरा रखने का अच्छा प्रयास किया जा रहा है। सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे के कारशेड साफ-सफाई के मामले में अच्छा काम कर रहे हैं। लोकल ट्रेनों की रफ्तार भी पहले की तुलना में बढ़ी है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने पर ध्यान

अग्रवाल ने कहा कि हम ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रर सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। अभी गाडिय़ां औसतन 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, जिसे बढ़ा कर 110 किमी प्रति घंटा किया जाएगा। वैसे रेलवे का लक्ष्य गाडिय़ों को 160 किमी की रफ्तार से चलाने का है।
वंदे भारत की तरह की दो ट्रेन

अग्रवाल ने कहा कि हम इस संभावना पर भी विचार कर रहे हैं कि वंदे भारत की तरह की मेमो ट्रेन चला कर मुंबई को सूरत, नासिक और पुणे से जोड़ सकें। इसके लिए हम दो तरह की ट्रेन बनाएंगे-एक एसी और दूसरी नॉन एसी। दोनों एसी सुविधा को छोड़ दें तो दोनों गाडिय़ों की क्षमता समान होगी। इसके लिए जल्द ही हम ट्रॉयल करने वाले हैं। यदि ट्रॉयल सफल हुआ तो हम इसे अन्य स्थानों पर भी ले जाएंगे।
कोच क्षमता में हुआ इजाफा

अग्रवाल ने बताया कि हमारी कोच तैयार करने की क्षमता में भारी इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष हमने रिकॉर्ड छह हजार कोच तैयार किए। इस वर्ष आठ हजार कोच बनाने की योजना है। हम जो नए मेमू कोच बना रहे हैं, उनमें ज्यादा यात्री सफर कर सकते हैं। पहले एक मेमू ट्रेन में 2,402 लोग यात्रा कर सकते हैं, जबकि नई मेमू ट्रेन में 2,618 लोग यात्रा कर सकते हैं।
नई मेमू ट्रेन की विशेषताएं

– नियमित मेमू की तुलना में नई मेमू ट्रेन में ज्यादा लोग यात्रा कर सकते हैं।
– स्टेनलेस स्टील कोच बॉडी, एसी चालक कैब, श्रेणी कुशन सीटों में सर्वश्रेष्ठ।
– सभी कोचों में शौचालय, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, आधुनिक ‘ट्रेन 18Ó की बोगियां।
-130 किमी प्रति घंटे के संचालन में सक्षम, ड्राइवर केबिन के साथ आपातकालीन टॉक बैक सुविधा।

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