आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग की टीम आज दोपहर में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के मुंबई के अंधेरी (ईस्ट) के चकाला स्थित आवास पर पहुंची और गहन तलाशी ली। रिपोर्ट के मुताबिक, यह छापेमारी एक पूर्व विधायक और सांसद से जुड़ी जांच के तहत थी। पूर्व विधायक पर बड़ी मात्रा में कर चोरी और कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने में शामिल होने का संदेह है। बताया जा रहा है कि शर्मा के उनसे संबंध रहे है।
प्रदीप शर्मा ने 1983 में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर मुंबई पुलिस ज्वाइन की थी। मुंबई अंडरवर्ल्ड से संबंधित 300 से अधिक मुठभेड़ों में वें शामिल रहे हैं। जिनमें से 113 एनकाउंटर उनके नाम पर दर्ज हैं।
प्रदीप शर्मा का विवादों से गहरा नाता रहा है। शर्मा उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास वाहन में विस्फोटक मिलने के मामले में भी आरोपी है। उन पर एंटीलिया बम कांड के साथ ही ठाणे के कारोबारी मनसुख हीरेन की हत्या की साजिश में शामिल होने का भी आरोप है। इस मामले में उन्हें कुछ महीने के लिए जेल भी हुई थी। लेकिन अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया था। हीरेन मुंबई के करीब ठाणे स्थित कार एक्सेसरीज़ दुकान का मालिक था। एंटीलिया बम कांड से हिरेन का कनेक्शन होने के सबूत मिले थे।
जून 2021 में अन्य आरोपियों के बयान और सबूतों के आधार पर प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया गया। शर्मा ने मामले में खुद को निर्दोष बताया था और दावा किया था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। इन मामलों में प्रदीप शर्मा समेत मुंबई पुलिस के बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे भी आरोपी हैं।
प्रदीप शर्मा को 2008 में रामनारायण गुप्ता उर्फ लखनभैया के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले और डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। लखनभैया एनकाउंटर मामले में प्रदीप शर्मा समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन 2013 में प्रदीप शर्मा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। शर्मा तेलगी फर्जी स्टांप मामले में भी आरोपी थे, लेकिन उन्हें बाद में बरी कर दिया गया था।
अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से बरी होने के बाद प्रदीप शर्मा ने एक बार फिर मुंबई पुलिस बल में शामिल होने की इच्छा जताई। जिसके कुछ महीनों बाद वह पुलिस सेवा में शामिल हो गये। लेकिन जुलाई 2019 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और शिवसेना में शामिल हो गए। 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने नालासोपारा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गये।