scriptमहाराष्ट्र के इस गांव में सरकारी स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे जानते हैं जापानी; जानें कैसे | In this village of Maharashtra, small children of government school know Japanese; Learn How | Patrika News
मुंबई

महाराष्ट्र के इस गांव में सरकारी स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे जानते हैं जापानी; जानें कैसे

महाराष्ट्र के सरकारी स्कूल ने पिछले साल सितंबर महीने में चौथी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए एक विदेशी भाषा के चयन का विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसके तहत स्कूल के 70 बच्चों ने जापानी भाषा के अध्ययन का चुनाव किया।

मुंबईAug 31, 2022 / 10:19 pm

Siddharth

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Aurangabad School

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के सरकारी स्कूल के बच्चे जापानी सिख रहे है। दूरदराज इलाके में स्थित इस स्कूल के बच्चे भले ही कम सुविधाओं के साथ जीते हैं लेकिन रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी सीखने की ललक से कई बच्चों ने जापानी भाषा सीखनी शुरू कर दी है। पिछले साल सितंबर महीने में सरकारी स्कूल ने चौथी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए एक विदेशी भाषा के चयन का विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसके तहत स्कूल के 70 बच्चों ने जापानी भाषा के अध्ययन का चयन किया।
इंटरनेट और सोशल मीडिया की मदद से चल रही क्लासों और अनुवाद की सहायता से बच्चों ने काफी कुछ सिख लिया है। स्कूल के टीचर दादासाहेब नवपुत ने बताया कि अधिकांश बच्चों ने कहा कि वे रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी में रुचि रखते थे और जापानी भाषा सीखने चाहते हैं।
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दादासाहेब नवपुत ने आगे बताया कि जापानी भाषा सिखाने के लिए कोई उचित पाठ्यक्रम सामग्री और पेशेवर मार्गदर्शन नहीं होने के बाद भी स्कूल प्रशासन इंटरनेट पर वीडियो और अनुवाद से जानकारी जुटाने में कामयाब रहा। स्कूल की इस शानदार पहल के बारे में जानने के बाद अब जिले के भाषा विशेषज्ञ सुनील जोगदेओ ने स्कूल प्रशासन से संपर्क किया और अब वे बच्चों को जापानी भाषा पढ़ा रहे हैं।
सुनील जोगदेओ ने कहा कि जुलाई महीने से मैं 20 से 22 सेशन आयोजित किए हैं। बच्चे बड़े दिलचस्पी के साथ जापानी भाषा सीखना चाहते हैं। थोड़े समय में उनका काफी कुछ सीख लेना बड़ी बात है। वहीं इस प्रोसेस में कुछ छात्रों के पास मोबाइल फोन न होने के कारण थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसकी वजह से स्कूल ने ‘विश्वमित्र’ पहल को प्रारंभ किया जिसके तहत बच्चे ऑनलाइन क्लास में जो भी सीखते हैं वो अपने साथी छात्रों को भी सिखाते हैं। औरंगाबाद जिला परिषद के शिक्षा विस्तार अधिकारी रमेश ठाकुर ने कहा कि स्कूल में 350 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं, जिनमें से 70 जापानी भाषा सीख रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को इंटरनेशनल लेबल की शिक्षा प्रदान करना है।

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