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ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मंगलवार को कार्यमुक्त कर दिया गया। सिविल सेवा उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने वाली मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LSBNAA) ने पूजा खेडकर को यथाशीघ्र अकैडमी आने को कहा है। उन्हें किसी भी परिस्थिति में 23 जुलाई से पहले अकैडमी ज्वाइन करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। बता दें कि पूजा खेडकर उस समय विवादों में घिर गईं जब उन्हें उन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए पाया गया जो प्रोबेशनरी (ट्रेनी) अधिकारियों को नहीं मिलता हैं। ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को हाल ही में पुणे के सहायक कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था। लेकिन नियमों के उल्लंघन के चलते उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया। आरोप है कि उन्होंने अपनी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और “महाराष्ट्र सरकार” का बोर्ड लगाया था। इसके बाद पुणे पुलिस ने यातायात नियमों के उल्लंघन के आरोप में उस ऑडी कार को जब्त कर लिया।
इस बीच ट्रेनी आईएएस अधिकारी के माता-पिता से जुड़े मामले भी सुर्ख़ियों में आ गए, जिनकी जांच की जा रही है। पुणे पुलिस पूजा के पिता दिलीप खेडकर और मां मनोरमा खेडकर की तलाश कर रही है।
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क्या है आरोप?
केंद्र सरकार ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी। आईएएस अधिकारी पर प्रोबेशन के दौरान वीआईपी नंबर प्लेट वाली आधिकारिक कार, आवास, चैंबर, सुरक्षाकर्मी जैसी मांगें और सेलेक्शन के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल करने का आरोप है। उन्होंने कथित तौर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किया था। आरोपों के बारे में पूछे जाने पर आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने कहा, मैंने पहले भी कहा है कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। नियम मुझे कुछ भी कहने की इजाजत नहीं देता है। मैं मीडिया के साथ कुछ भी साझा नहीं कर सकती, जो भी जरूरी होगा मैं समिति के साथ साझा करूंगा।