ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था, जिसकी शिकायत दिवसे ने ही राज्य के मुख्य सचिव से की थी और तब पूजा को वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद पूजा खेडकर दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर सवालों के घेरे में आ गयीं।
आईएएस पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में पुणे जिले के पिंपरी स्थित सरकारी यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से आंशिक ‘लोकोमोटर दिव्यांगता’ (चलने-फिरने संबंधी विकलांगता) प्रमाणपत्र प्राप्त किया था। अस्पताल के डीन डॉ राजेंद्र वाबले ने कहा कि पूजा खेडकर ने 2022 में अपने बाएं घुटने के जोड़ संबंधी दिव्यांगता प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया था। वह चिकित्सा जांच के लिए यहां आई थीं और कई विभागों द्वारा उनका परीक्षण किया गया था। जिमसें यह पाया गया कि पूजा में सात प्रतिशत ‘लोकोमोटर दिव्यांगता’ है।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IAS पूजा खेडकर ने यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाया था। इसके लिए उन्होंने अपना पता गलत बताया था। खेडकर ने अस्पताल को जो एड्रेस प्रूफ दिया था वह उनके घर का नहीं बल्कि बंद हो चुकी कंपनी थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का था। जांच में पता चला है कि पूजा ने इस कंपनी के पते पर राशन कार्ड भी बनवाया था। इसी राशन कार्ड से उन्होंने लोकोमोटर दिव्यांगता वाला सर्टिफिकेट हासिल किया।
दिलचस्प बात यह है कि पूजा खेडकर जिस ऑडी कार में लाल बत्ती और महाराष्ट्र सरकार लिखकर घूमती थी वह भी इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। एक दिन पहले ही विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी गई और उन्हें मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नैशनल अकैडमी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) ने तत्काल वापस बुलाया है। गौरतलब है पूजा खेडकर पर विकलांगता और ओबीसी के फर्ज़ी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। जबकि पुणे कलेक्टर कार्यालय में तैनाती के दौरान उन पर विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप है और उनके खिलाफ जांच की जा रही है।
वहीँ, ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा, मुझे मीडिया ट्रायल चलाकर दोषी साबित करना गलत है। मेरे खिलाफ हर दिन फर्जी खबरें फैलाई जा रही है। मैं सिर्फ जांच समिति के सामने अपना पक्ष रखूंगी।