वीआईपी कल्चर के लिए मनमानी करने के आरोप में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम तबादला कर दिया गया। 32 वर्षीय खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनका यूपीएससी अखिल भारतीय रैंक 821 था।
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ख़बरों के मुताबिक, बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पुणे जिला कलेक्टर से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। सिविल सेवा उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने वाले मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LSBNAA) ने पूजा खेडकर के खिलाफ विभिन्न आरोपों पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अकादमी की अंतिम रिपोर्ट केंद्रीय लोक सेवाआयोग को भेजी जाएगी।लालबत्ती ने बढ़ाई मुसीबत
आईएएस पूजा खेडकर (IAS Puja Khedkar) को 3 जून 2024 को पुणे के सहायक कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था। वह उस समय विवादों में घिर गईं जब उन्हें उन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए पाया गया जो प्रोबेशनरी (ट्रेनी) अधिकारियों को नहीं दी जाती हैं। आरोप है कि उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और “महाराष्ट्र सरकार” का बोर्ड भी लगाया था। कथित तौर पर आईएएस अधिकारी पूजा पुणे के अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के बाहर रहने पर उनसे संबंधित चेंबर का इस्तेमाल करती थी वो भी उनकी सहमति लिए बिना। उन्होंने वहां का फर्नीचर भी हटा दिया था और यहां तक कि राजस्व सहायक से उनके नाम पर लेटरहेड, नेमप्लेट, सुरक्षाकर्मी और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी कहा था।
यह मामला सामने आने के बाद पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे (Suhas Divase) ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा और उनकी की शिकायत की। जिसके बाद पूजा का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया। इस बीच, पूजा खेडकर ने गुरुवार को वाशिम में अपना पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया।
खबर है कि आईएएस पूजा खेडकर के पिता रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी थे। उन्होंने ने भी बेटी की मांगों को पूरा करवाने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव बनाया था। आरोप है कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए। इसके अलावा पूजा खेडकर ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर श्रेणी (OBC non-creamy layer) के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं, जिसके लिए वार्षिक पैतृक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। लेकिन उनके पिता दिलीप खेडकर ने हालिया लोकसभा चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति का मूल्य 40 करोड़ रुपये घोषित किया था।
लोकसभा चुनाव के हलफनामे में उन्होंने 40 करोड़ रुपये की अनुमानित संपत्ति और 49 लाख रुपये की वार्षिक आय दिखाई थी।