मुंबई

अस्पताल में हादसा टलता कैसे

आगजनी: एक्सपायरी थे आग बुझाने के साधन दो माह पहले भी हुआ था हादसा, लेकिन प्रशासन ने नहीं दिया कोई ध्यान

मुंबईDec 18, 2018 / 06:18 pm

Chandra Prakash sain

अस्पताल में हादसा टलता कैसे

मुंबई
अंधेरी पूर्व के कामगार अस्पताल में सोमवार को शाम चार बजे के करीब लगी आग में छह लोगों की मौत हो गई जबकि 147 लोग घायल हैं। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती किया गया है, जिनमें मरीज और उनके परिजन ही नहीं बल्कि अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी शामिल हैं। हादसे के लिए अधिकांश लोग अस्पताल प्रशासन को ही जिम्मेदार मानते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कामगार अस्पताल में आग बुझाने का कोई साधन नहीं है। यहां तक कि अलार्म तक नहीं है। अस्पताल के मरीजों व उनके परिजनों की आवाज सुनकर बाहर आए तो देखा कि अस्पताल में आग लगी है। चारों ओर घना धुआं छाया हुआ था। अस्पताल के आस पास स्थित लोगों ने साडिय़ों आदि के सहारे लोगों के बचाव का कार्य शुरू किया। अस्पताल के सामने ही पुलिस थाना है। पुलिस बचाव कार्य में आगे आने के बजाए बाहर ही तमाशाबीन बनी खड़ी थी। दमकल वाहन एक घंटे बाद मौके पर पहुंचे। हमने देखा कि तीन महिलाएंं चौथी मंजिल से खुद को बचाने के लिए कूद गईं।

दो माह पहले भी हुआ था हादसा


इस अस्पताल में दो माह पहले भी आग लगने का हादसा हुआ है जिसमें दो सुरक्षाकर्मी झुलस गए थे, जिनका सायन अस्पताल में अभी तक इलाज चल रहा है। सोमवार को हुए हादसे में भी तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।

10 साल में 48,404 जगह लगी आग


पिछले 10 वर्ष में बान्द्रा से अंधेरी के बीच कुल 48 हजार 4३4 बार आग लगी। 1568 गगनचुंबी इमारतो में और आठ हजार 7३7 रहवासी इमारतों में, तीन हजार 833 व्यासायिक इमारतों में और 3151 झोपड़पट्टियों में आग लगी। सबसे ज्यादा 32 हजार 516 आग लगने का कारण शॉर्टसर्किट था। इसके बाद 1116 आग गैस सिलिंडर लीकेज के कारण लगी और 11 हजार 889 आग दूसरे कारणों से लगी! आगजनी की इन घटनाओं में 609 लोगों की मौत हुई।

ठेकेदार जिम्मेदार


अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि 2006 से नवीनीकरण का काम चल रहा है। आग लगने का मुख्य कारण नवीनीकरण है। नवीनीकरण कार्य में ठेकेदार सारे नियमों को ताक पर रख कर दिहाड़ी मजदूरों से काम कराता है।

Hindi News / Mumbai / अस्पताल में हादसा टलता कैसे

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.