इस मंडल की एक और खास बात है कि यहां के राजा 14 दिन तक रखे जाते हैं। समिति के मार्गदर्शक यशोधर फणसे ने कहा कि इस साल अंधेरी के राजा की स्थापना को 57 साल पूरे हो रहे हैं। पंडाल में दर्शन करने आने वालों से किसी भी प्रकार का धन या चढ़ावा नहीं लिया जाता है, सिर्फ नारियल चढ़ाने की इजाजत दी गई है।
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दर्शन के लिए स्पेशल ड्रेस कोड: बता दें कि इस साल मंडल ने 5 करोड़ 70 लाख रुपये का बीमा कवर कराया है। वहीं समिति ने दर्शन के लिए आने वाले लोगों के लिए ड्रेस कोड भी तय कर दिया गया है। कोई भी शख्स यहां छोटे कपड़ों में दर्शन नहीं कर सकता। मिली जानकारी के मुताबिक, पंडाल और अन्य व्यवस्था के लिए यहां 250 से अधिक वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे। पंडाल की थीम वड़ोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस जैसे बनाए जाने के लिए पिछले 2 महीने से इसपर काम चल रहा है। बता दें कि गणपति बप्पा के आगमन में अब केवल 2 दिन ही शेष बचे हैं, लेकिन मुंबई से सटे मीरा-भायंदर में सड़कों की मरम्मत का काम पूरा नहीं हो सका है। महानगरपालिका आयुक्त दिलीप ढोले के निर्देश जारी करने के बाद सड़कों की मरम्मत का काम चल रहा है। लेकिन अभी भी मुख्य मार्गों में गड्ढे हैं। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत गणपति मंडलों को हो रही है। इस बारे में अब तक कई संस्थाएं प्रशासन से शिकायत कर चुकी हैं। अभी तक भायंदर (ईस्ट) के रामदेव पार्क, आरएनपी पार्क, क्वीन्स पार्क व कई अन्य परिसरों में सड़कों का हाल बेहाल है।