जानकारी के मुताबिक, खांसी और कंजेशन के चलते संक्रमित बच्ची का ऑक्सीजन का स्तर 84 प्रतिशत तक गिर गया था। जिसके चलते उसे 1 जनवरी को हीरानंदानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लक्षण को देखते हुए डॉक्टरों ने उसका नया रैपिड पीसीआर टेस्ट किया जिसका परिणाम सकारात्मक आया।
डॉक्टरों ने कहा कि एचएमपीवी संक्रमित बच्ची का आईसीयू में इलाज किया गया। पांच दिनों तक भर्ती रहने के बाद बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस बीच, बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उसे मामले की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन इन्फ्लूएंजा और गंभीर श्वसन संक्रमण के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।
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बीएमसी के मुताबिक, एचएमपीवी किसी बड़ी चिंता का विषय नहीं है और इसे फैलने से रोकने के लिए आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं। लोगों को घबराने की कोई जरुरत नहीं है। चीन में एचएमपीवी के प्रकोप की खबरें मीडिया में आने के बाद स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने निवारक उपायों की रूपरेखा तैयार करते हुए दिशानिर्देश जारी किए है। हालांकि राज्य के श्वसन संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 में मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढंकने, अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोने या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी है।
अगर बुखार, खांसी या छींक जैसे लक्षण हो तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी क्षेत्रों को हवादार रखने, पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक भोजन करने की हिदायत दी गई है। साथ ही हाथ मिलाने से बचने की भी अपील की गई है।