महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे का पढ़िए पूरा बयान
दरअसल, शुक्रवार को महाराष्ट्र में हिंदू गर्जना सभा के दौरान मंत्री नितेश राणे ने यह बयान दिया था। यह सभा महाराष्ट्र के सांगली में आयोजित की गई थी। इसमें नितेश राणे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा “हम महाराष्ट्र में ईवीएम की वजह से चुनाव जीते हैं और हमने इस बात से कभी इनकार नहीं किया है। दूसरी ओर विपक्ष ईवीएम का मतलब समझने में ही नाकाम रहा है। ईवीएम का मतलब है- एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला। आप जानते हैं कि हमारे (BJP) विरोधी ईवीएम को लेकर किस तरह चिल्लाते हैं।” यह भी पढ़ें
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नितेश राणे ने आगे कहा “विपक्ष इस बात को पचा नहीं पा रहा है कि कैसे हिंदू एकजुट होकर हिंदुओं को वोट दे रहा है। विपक्ष हमेशा ईवीएम को दोष देता है। दरअसल, विपक्ष ईवीएम का मतलब समझता ही नहीं है। विपक्ष को यह समझ में नहीं आ रहा कि हाल के चुनावों में हिन्दुओं ने किस संदर्भ में मतदान किया। ईवीएम का मतलब है- हर वोट मुल्ला के खिलाफ। इसलिए हम गर्व से कह रहे हैं कि हमने ईवीएम के कारण चुनाव जीता है और हम तीन विधायक यहां बैठे हैं।”एनसीपी नेता बताया संविधान का उल्लंघन
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री नितेश राणे के बयान से सियासत में उबाल आ गया है। इसको लेकर एनसीपी (SP) नेता माजिद मेमन ने कहा “भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जहां ऐसे मंत्री बैठे हैं, वे ऐसे विवादास्पद बयान देते हैं। वे मुसलमानों और अन्य समुदायों के खिलाफ बोलते हैं, धार्मिक टिप्पणी करते हैं। उन्होंने संविधान को बनाए रखने की शपथ ली है।” , जो सभी धर्मों के लिए न्याय की गारंटी देता है, कोई भेदभाव नहीं करने का वादा करता है, फिर भी, वे बार-बार ऐसे बयान देकर इसका उल्लंघन करते हैं।”केंद्रीय मंत्री बोले-इतना हार्ड स्टैंड नहीं लेना चाहिए
महाराष्ट्र के भाजपा नेता नितेश राणे की ईवीएम को लेकर की गई टिप्पणी पर आरपीआई अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उन्हें नसीहत दी है। रामदास अठावले ने कहा “नितेश राणे महाराष्ट्र में मंत्री हैं। उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए। देश संविधान के मुताबिक चलता है। किसी भी विषय पर नितेश को इतना हार्ड स्टैंड नहीं लेना चाहिए, मुल्ला, मुस्लिम भी हमारे अपने ही हैं। हर समय किसी पर हमलावर नहीं होना चाहिए। दूसरी ओर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा “हमारे देश में इस तरह की बात काफी चौंकाने वाली है। हमें वास्तव में स्वतंत्रता संग्राम के मूल सबक को समझना चाहिए। यह सब गलत है।” यह भी पढ़ें