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शरद पवार को तगड़ा झटका, भतीजे अजित के खेमे को मिला NCP नाम और घड़ी निशान

NCP Election Commission Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी मामले में फैसला लेने के लिए स्पीकर को 15 फरवरी तक का समय दिया है।  

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Feb 06, 2024

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अजित पवार के गुट को चुनाव आयोग ने माना असली NCP

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लेकर बड़ी खबर है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के अगुवाई वाली एनसीपी खेमे को असली एनसीपी पार्टी माना है। आयोग ने दस से अधिक सुनवाई के बाद अजित दादा को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और घड़ी चिह्न सौंपा है। चुनाव आयोग का यह फैसला वरिष्ठ नेता शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका है।

चुनाव आयोग ने छह महीने से अधिक समय में 10 से ज्यादा बार सुनवाई करने के बाद एनसीपी के विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने शरद पवार गुट से नई पार्टी के नाम और सिंबल के लिए तीन विकल्प मांगे थे। आयोग के मुताबिक इस रियायत का उपयोग 7 फरवरी को दोपहर 4 बजे तक किया जा सकता है। यह भी पढ़े-NCP विधायकों की अयोग्यता पर अब 15 फरवरी तक फैसला, महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट से राहत

आयोग ने कहा कि असली एनसीपी को लेकर निर्णय दोनों खेमों की याचिकाओं की स्थिरता के निर्धारित पहलुओं के परीक्षण के बाद लिया गया। जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत के परीक्षण शामिल थे।

शरद पवार बनाम अजित पवार गुट को लेकर सुनवाई पिछले साल 1 जुलाई को शुरू हुई थी। सुनवाई में याचिकाकर्ता अजित खेमे की तरफ से मुकुल रोहतगी, नीरज किशन कौल और मनिंदर सिंह ने दलीलें पेश की। जबकि शरद पवार खेमे का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी और देवदत्त कामत ने रखा।

मालूम हो कि कि वरिष्ठ नेता शरद पवार ने 1999 में एनसीपी पार्टी बनायीं और तब से 2014 तक एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ता में थी। फिर पांच साल के बाद 2019 में महाविकास आघाडी (एमवीए) के जरिये एनसीपी राज्य सरकार का हिस्सा बनी। लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार जून 2022 में गिर गयी। क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई और पार्टी दो धड़ों में बंट गयी। इसके बाद शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।

इस सियासी उथलपुथल के एक साल बाद जुलाई 2023 में एनसीपी भी विभाजित हो गई, जब पार्टी के दिग्गज नेता अजित पवार ने बगावत का बिगुल फूंका। तब जूनियर पवार पार्टी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। अजित दादा तब से अपने विद्रोह को लगातार यह कहते हुए सही ठहराते रहे है कि वरिष्ठों को अगली पीढ़ी को आगे बढ़ाना चाहिए। जो कि वरिष्ठ पवार ने नहीं किया। अजित पवार अभी शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम है और उनके खेमे में एनसीपी के अधिकांश विधायक है।