मुंबई

क्या पार्टी तय करेगी किस याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए? संजय राउत के आरोपों पर बोले पूर्व CJI

DY Chandrachud on Sanjay Raut : पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने संजय राउत के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति यह तय नहीं कर सकता कि सुप्रीम कोर्ट को किन याचिकाओं पर सुनवाई करनी चाहिए।

मुंबईNov 26, 2024 / 07:03 pm

Dinesh Dubey

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाडी (MVA) की करारी हार के लिए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को जिम्मेदार ठहराया था। राउत ने दावा किया था कि भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा शिवसेना मामले पर फैसला नहीं सुनाने की वजह से महायुति के पक्ष में नतीजे आये। इस पर अब पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने प्रतिक्रिया दी है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ ने कहा, “क्या कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति यह तय करेगा कि सुप्रीम कोर्ट को किन याचिकाओं पर सुनवाई करनी चाहिए? सॉरी, यह अधिकार सीजेआई का है।”

हार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने पर बिफरे पूर्व CJI

एक इंटरव्यू में धनंजय चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान सुनी गई महत्वपूर्ण याचिकाओं का जिक्र करते हुए कहा, पिछले 20 सालों से सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 38 मामलों का फैसला किया था और वे सभी महत्वपूर्ण थे।

राउत ने पूर्व CJI पर की विवादित टिप्पणी   

संजय राउत के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने कहा, मुख्य समस्या यह है कि अगर आप किसी राजनीतिक दल के एजेंडे का ध्यान रखते हैं तो आपको निरपेक्ष माना जाता है। मेरे कार्यकाल में ही इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। हमने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का निर्णय सुनाया। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर विचार किया, अनुच्छेद 6ए की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई की, क्या ये सभी मुद्दे कम महत्वपूर्ण थे?
बता दें कि मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए रविवार को राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (चंद्रचूड़) दलबदलुओं के मन से कानून का डर खत्म कर दिया। उनका नाम इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।’’
संजय राउत ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे पहले से तय थे। उन्होंने कहा कि अगर तत्कालीन सीजेआई ने शिवसेना विधायकों से जुड़ी अयोग्यता याचिकाओं पर समय पर फैसला किया होता, तो आज परिणाम अलग होते।
साल 2022 में शिवसेना में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में सबसे बड़ी बगावत हुई और शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई।  उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने एकनाथ शिंदे के साथ दलबदल करने वाले शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। शीर्ष अदालत ने अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने का जिम्मा महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को दिया। जिसके बाद स्पीकर ने शिंदे गुट को ‘असली शिवसेना’ घोषित किया. स्पीकर के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन सुनवाई कई महीनों तक टलती गई और फैसला होने से पहले ही राज्य में विधानसभा चुनाव हो गए।

Hindi News / Mumbai / क्या पार्टी तय करेगी किस याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए? संजय राउत के आरोपों पर बोले पूर्व CJI

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.