कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों शूटरों गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को आज शाम मेडिकल के लिए गोकुलदास तेजपाल (जीटी) अस्पताल ले जाया गया। फिर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी गुरमेल सिंह को 21 अक्टूबर तक मुंबई क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेज दिया। जबकि धर्मराज कश्यप को पुलिस हिरासत में नहीं दिया गया।
यह भी पढ़ें-‘मैंने अपना प्रिय मित्र खो दिया…सियासी तमाशा न बनाएं’, बाबा सिद्दीकी की हत्या पर भावुक हुए अजित पवार दरअसल धर्मराज ने खुद के नाबालिग होने का दावा किया, जबकि पुलिस ने कहा कि आधार कार्ड में दिए जन्म तिथि के अनुसार वह वारदात के समय बालिग है। हालांकि कोर्ट ने धर्मराज को क्राइम ब्रांच की हिरासत में नहीं भेजा और ऑसिफिकेशन टेस्ट (Ossification Test) के बाद फिर से पेश करने का निर्देश दिया।
बता दें कि ऑसिफिकेशन टेस्ट एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की हड्डियों के संलयन की डिग्री का विश्लेषण करके उसकी उम्र का अनुमान लगाती है। यह उम्र निर्धारित करने का एक लोकप्रिय तरीका है।
बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में कोर्ट ने आरोपी गुरमेल सिंह को 21 अक्टूबर तक मुंबई क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेजा है। इस हत्याकांड में शामिल तीसरे आरोपी का नाम शिवा है, जबकि मामले के चौथे आरोपी की पहचान भी हो गई है। चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद जीशान अख्तर (Mohammad Zeeshan Akhtar) बताया जा रहा है। गुरमेल सिंह हरियाणा और धर्मराज कश्यप उत्तर प्रदेश का रहने वाला हैं। शिवा भी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और पुणे में कबाड़ का काम करता था।