कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के तमाम नेता बीजेपी पर निशाना साध रहे है। इस बीच, शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी फडणवीस के सुर में सुर मिलाया हैं। इसलिए अजित पवार की महायुति में दुविधा बढ़ गयी हैं। हालांकि इस पूरे मामले पर अब अजित पवार ने भी चुप्पी तोड़ी है। हालांकि खुद नवाब मलिक ने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है।
क्यों मची रार?
महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (7 दिसंबर) एनसीपी विधायक नवाब मलिक सत्ताधारी पक्ष की ओर बैठे थे। दरअसल जुलाई में एनसीपी में फूट के बाद नवाब मलिक ने किसी गुट को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया था। उन्होंने तटस्थ रुख की घोषणा की थी। करीब डेढ़ साल बाद जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद दोनों गुटों के नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। हालांकि सरकार की तरफ बैठने से गुरुवार को यह साफ हो गया है कि नवाब मलिक शरद पवार गुट के साथ नहीं है। जिसके बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला बोलना शुरू किया।
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महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (7 दिसंबर) एनसीपी विधायक नवाब मलिक सत्ताधारी पक्ष की ओर बैठे थे। दरअसल जुलाई में एनसीपी में फूट के बाद नवाब मलिक ने किसी गुट को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया था। उन्होंने तटस्थ रुख की घोषणा की थी। करीब डेढ़ साल बाद जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद दोनों गुटों के नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। हालांकि सरकार की तरफ बैठने से गुरुवार को यह साफ हो गया है कि नवाब मलिक शरद पवार गुट के साथ नहीं है। जिसके बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला बोलना शुरू किया।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। महाविकास आघाडी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी का शरद पवार नीत गुट और कांग्रेस शामिल हैं।
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
सीएम शिंदे ने नवाब मलिक के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा, प्रमुख घटक दलों को अपनी पार्टी कैसे चलानी चाहिए यह पूरी तरह से उस पार्टी का मामला है। लेकिन देशहित और जनहित के लक्ष्य को लेकर गठबंधन (महायुति) के सभी घटक दल एकजुट हुए हैं। इसलिए देवेंद्र फडणवीस ने जो बात कही है, उससे शिवसेना पूरी तरह सहमत है। अजित दादा जनहित और लोगों की भावना का सम्मान करते हुए सही रुख अपनाएंगे।
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
सीएम शिंदे ने नवाब मलिक के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा, प्रमुख घटक दलों को अपनी पार्टी कैसे चलानी चाहिए यह पूरी तरह से उस पार्टी का मामला है। लेकिन देशहित और जनहित के लक्ष्य को लेकर गठबंधन (महायुति) के सभी घटक दल एकजुट हुए हैं। इसलिए देवेंद्र फडणवीस ने जो बात कही है, उससे शिवसेना पूरी तरह सहमत है। अजित दादा जनहित और लोगों की भावना का सम्मान करते हुए सही रुख अपनाएंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, पूर्व मंत्री और एनसीपी विधायक नवाब मलिक पर लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। वह स्वास्थ्य कारणों से ही जमानत पर जेल से बाहर हैं। उन्हें अभी तक कोर्ट ने बरी नहीं किया है। इसलिए, उनके प्रति हमारा पिछला रुख अभी भी कायम है।
अजित पवार ने दिया जवाब!
अजित पवार ने कहा, “मुझे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिखा गया पत्र मिला है। मेंने इससे पढ़ा है। नवाब मलिक कल पहली बार सभागार में आये। हमारे महायुति सरकार में शामिल होने के बाद वे पहली बार जेल से बाहर आये हैं। उन्होंने अभी तक अपनी राय जाहिर नहीं की है। जब वें अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे तो मैं अपनी और पार्टी की स्थिति स्पष्ट करूंगा।”
अजित पवार ने दिया जवाब!
अजित पवार ने कहा, “मुझे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिखा गया पत्र मिला है। मेंने इससे पढ़ा है। नवाब मलिक कल पहली बार सभागार में आये। हमारे महायुति सरकार में शामिल होने के बाद वे पहली बार जेल से बाहर आये हैं। उन्होंने अभी तक अपनी राय जाहिर नहीं की है। जब वें अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे तो मैं अपनी और पार्टी की स्थिति स्पष्ट करूंगा।”
अजित दादा ने कहा, ‘उस पत्र पर जो भी निर्णय लेना होगा, वह निर्णय मैं लूंगा। विधानसभा में कौन कहां बैठेगा, यह अधिकार सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष के पास होता है। फडणवीस की चिट्ठी पर नवाब मलिक की भूमिका क्या है, इसे जानने के बाद मैं फैसला लूंगा।
नवाब मलिक पर क्या हैं आरोप?
नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन और ग्लोबल टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम से जुड़े सलीम पटेल और हसीना पारकर के गोवावाला कंपाउंड जमीन सौदे में गबन करने का आरोप है। नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज है और मामले की जांच ईडी कर रही है।
नवाब मलिक पर क्या हैं आरोप?
नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन और ग्लोबल टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम से जुड़े सलीम पटेल और हसीना पारकर के गोवावाला कंपाउंड जमीन सौदे में गबन करने का आरोप है। नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज है और मामले की जांच ईडी कर रही है।