मुंबई के कांदिवली के चारकोप (Charkop) में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी का नाम लिए बैगर कहा, “कुछ लोग सोने का चम्मच लेकर पैदा होते हैं और उन्हें भारत के इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। ये वो लोग हैं जिनकी पार्टी चीनी सरकार के पैसे पर चलती है और ये महान क्रांतिकारी स्वतंत्र वीर सावरकर के कष्ट, संघर्ष और बलिदान का अपमान करते हैं। इसलिए हम देशभक्तों को अब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में किए गए अतुलनीय कार्यों का महिमागान करने के लिए सड़कों पर उतरना होगा।“
‘इंदिरा, यशवंतराव सावरकर का सम्मान करते थे’
डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, “जिनके मुंह में सोने की चम्मच है वे वीर सावरकर की बात कर रहे हैं। आपकी पार्टी के नेता वीर सावरकर का सम्मान करते हैं। इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) सावरकर का सम्मान करते थे और आप उनपर सवाल उठा रहे हैं। आप हैं कौन?”
‘सावरकर ने अपने लिए नहीं, दूसरों की रिहाई के लिए लिखा पत्र’
आपने कहा कि वीर सावरकर ने माफी मांगी और अंग्रेजों को पत्र लिखा। नहीं यह गलत है। सावरकर ने पत्र इसलिए लिखा क्योंकि उन्हें पता था कि अंग्रेज़ उन्हें रिहा नहीं करेंगे। तो उन्होंने लिखा, मुझे (सावरकर) रिहा मत करो बल्कि अन्य कैदियों को रिहा करो जिन्होंने तुम्हारे (अंग्रेजों) खिलाफ कुछ नहीं किया है।
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‘इंदिरा, यशवंतराव सावरकर का सम्मान करते थे’
डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, “जिनके मुंह में सोने की चम्मच है वे वीर सावरकर की बात कर रहे हैं। आपकी पार्टी के नेता वीर सावरकर का सम्मान करते हैं। इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) सावरकर का सम्मान करते थे और आप उनपर सवाल उठा रहे हैं। आप हैं कौन?”
‘सावरकर ने अपने लिए नहीं, दूसरों की रिहाई के लिए लिखा पत्र’
आपने कहा कि वीर सावरकर ने माफी मांगी और अंग्रेजों को पत्र लिखा। नहीं यह गलत है। सावरकर ने पत्र इसलिए लिखा क्योंकि उन्हें पता था कि अंग्रेज़ उन्हें रिहा नहीं करेंगे। तो उन्होंने लिखा, मुझे (सावरकर) रिहा मत करो बल्कि अन्य कैदियों को रिहा करो जिन्होंने तुम्हारे (अंग्रेजों) खिलाफ कुछ नहीं किया है।
‘वीर सावरकर गौरव यात्रा’ को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा, “महात्मा गांधी ने सावरकर के साथ कई वर्षों तक जेल में रहे सावरकर के रिश्तेदारों को पत्र लिखा था। जिसमें सावरकर की रिहाई भी अन्य कैदियों की तरह करने की बात कही गई थी।“
‘उद्धव ठाकरे को कुर्सी प्यारी है’
उद्धव ठाकरे पर हमला बुलते हुए फडणवीस ने कहा, “जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तब कांग्रेस ने अपने मुखपत्र में वीर सावरकर को समलैंगिक (Homosexual) कहा था लेकिन उस समय उद्धव ठाकरे इसके खिलाफ कुछ नहीं कह सके क्योंकि उस समय उन्हें सावरकर से ज्यादा मुख्यमंत्री की कुर्सी प्यारी थी। अब वे कहते हैं कि वे राहुल गांधी के बयान के खिलाफ हैं लेकिन आप (ठाकरे गुट) राहुल गांधी के उस बयान के खिलाफ क्या करेंगे?”
मालूम हो कि गुजरात की सूरत की एक अदालत द्वारा ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया और दो साल कारावास की सजा सुनाई। इसके एक दिन बाद गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। जिसके बाद दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा था, ‘‘मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं।’’ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी वीर सावरकर पर सनसनीखेज आरोप लगाये थे।