मुंबई

बंजर और पथरीली जमीन पर लहलहाया घना जंगल

सराहनीय: रंग लाई प्रकृति प्रेमियों की मेहनत 30 एकड़ में फैला आनंदवनपहले लोग फेंकते थे कचरा, डंपिंग ग्राउंड की तरह होता था इस्तेमालआपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को होता था जमावड़ा

मुंबईAug 04, 2021 / 07:41 pm

Chandra Prakash sain

स्थानीय लोगों को मिली राहत, बाहर से आने वाले लोग सराहते नहीं थकते

ओमसिंह राजपुरोहित/ पुणे. बंंजर और पथरीली जमीन मान जहंा लोग कूड़ा-करकट फेंकते थे, उसे प्रकृति प्रेमियों के एक समूह ने हरे-भरे जंगल में तब्दील कर दिया है। जहां असामाजिक प्रवृत्ति के लोग अशांति की साजिश रचते थे, वह क्षेत्र अब पक्षियों की चहचहाट से गुंजायमान है। शहर के एनआइबीएम क्षेत्र में स्थित 30 एकड़ में फैला आनंद वन सैलानियों को भी भा रहा। इसका श्रेय मित्र मंडल नामक समूह को जाता है। खाली पड़े भूखंड को हरियाली से भरने के लिए वन विभाग की मदद ली गई। यहां लगाए गए हजार से ज्यादा पौधे अब बड़े हो गए हैं। स्कूली छात्रों की मदद से समूह के सदस्य पेड़ों को पानी देते हैं, ताकि वे सूखें नहीं। कई पेड़ रंग-बिरंगे फूलों से भी सजे हैं। स्थानीय लोगों को असामाजिक तत्वों के जमावड़े से राहत मिली है। खास यह कि आनंद वन में पौध रोपण का सिलसिला जारी है।
मित्र मंडल के अध्यक्ष प्रवीण कुमार आनंद (65) ने बताया कि दस साल पहले तक यहां खाली जमीन थी। डंपिंग ग्राउंड के रूप में लोग इस्तेमाल करते थे। हमारे समूह ने कायापलट का फैसला किया। स्थानीय लोगों को विश्वास में लिया। हमने पौधे लगाए। उनकी देखभाल का बीड़ा भी उठाया। वन विभाग ने हमारी मदद की। अतिक्रमण रोकने के लिए वन क्षेत्र के चारों ओर बाड़ लगाई गई।

 

पौधों को बचाने का जतन
आनंद ने बताया कि पौधे लगाने के बाद हमने उन्हें सूखने से बचाने का जतन किया। सबसे बड़ी चुनौती पानी की थी। हम लोग डिब्बों में पानी भर कर ले जाते थे। पानी का टैंकर दान करने की अपील की। आसपास की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों ने हमारी मदद की। आनंदवन में चिडिय़ों को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार के पेड़ हैं।
बढिय़ा मॉडल
आनंद वन में अस्सी से नब्बे तरह के एक हजार से ज्यादा पेड़-पौधे हैं। वन विभाग के राहुल पाटिल ने समूह के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बंजर जमीन पर हरा-भरा आनंद वन इनकी मेहनत का नतीजा है। अन्य जगहों पर भी यह मॉडल अपनाया जा सकता है।

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