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किसी अस्पताल में नहीं मिला इलाज…
अनेकों उपाय के बाद भी नहीं मिली कहीं भर्तीमलाड के एक प्रसिद्ध अस्पताल ने कोरोना के संदेह के चलते उनका इलाज करने से मना कर दिया, शुक्ला को सिर्फ सांस लेने में तकलीफ थी। डॉक्टरों ने उनके रिश्तेदारों से कहा कि पहले उनकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट लाएं, तभी उनका इलाज किया जा सकेगा। ऐसे में रिश्तेदारों ने शुक्ला को फिर से थुंगा अस्पताल लाया। हालांकि मिश्रा ने आरोप लगाया कि जगह की कमी के कारण आईसीयू को भर्ती नहीं किया जा सका। वहीं शताब्दी अस्पताल में भी उनका इलाज नहीं किया जा सका।
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इलाज मिलता तो बच जाती जान…
अंत में सारे उपाय विफल होने के बाद रात को 11:30 बजे शुक्ला को घर लाया गया। ऑक्सीजन सिलेंडर उन्हें घर पर ही फिट किया गया था। इसके बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका, इस पर परिवार के सदस्यों ने कहा कि शुक्ला को कहीं इलाज न मिल पाने के चलते मौत हो गई। समय से नहीं मिल सका इलाजपरिवार के सदस्यों ने शुक्ला के इलाज के लिए करीब 8-10 अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें कहीं भी भर्ती नहीं किया गया। जगदीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि अगर समय पर इलाज मिलता तो उन्हें बचाया जा सकता था।