चुनाव आयोग ने बताया कि कांग्रेस के दावे के उलट तथ्य यह है कि जुलाई से नवंबर 2024 की अवधि के दौरान केवल 6 विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 50,000 से अधिक मतदाता जुड़े थे। इसलिए इस आधार पर कांग्रेस द्वारा 47 सीटों पर महायुति की जीत का दावा सही होने का सवाल ही नहीं उठता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाने और जोड़ने का काम हर चरण में राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी के साथ नियमों के अनुसार सख्ती से किया जाता है।
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में यह भी कहा कि वास्तविक मतदान प्रतिशत (वोटर टर्नआउट) को बदलना असंभव है क्योंकि मतदान प्रतिशत का विवरण देने वाला वैधानिक फॉर्म-17सी मतदान केंद्र पर मतदान समाप्ति के समय उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास उपलब्ध होता है।
चुनाव आयोग ने कहा, “शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी सामान्य थी, जो मतदान की प्रक्रिया का हिस्सा था। हालांकि, मतदान प्रतिशत में बदलाव करना असंभव है। मतदान केंद्र से वोटिंग का रुझान 5 अंतरालों पर लिया जाता है यानी सुबह 9:00 बजे, 11:00 बजे, दोपहर 1:00 बजे, 3:00 बजे और शाम 5:00 बजे। मतदान के दिन वोटर टर्नआउट ऐप के माध्यम से इस डेटा को सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित किया जाता है।”
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति को 288 में से 235 सीटों पर जीत मिली। अकेले बीजेपी को 132 सीटों पर परचम लहराया। महाराष्ट्र में बीजेपी की यह सबसे बड़ी जीत है। शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत हासिल हुई। महाविकास आघाडी (एमवीए) में शिवसेना यूबीटी महज 20 सीटें ही जीत पाई। इसके अलावा, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी 10 सीटों पर सिमट गई। सपा ने भी दो सीटें जीती है।