एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने नाराजगी जताते हुए कहा, ”लोकसभा चुनाव में मैंने अपना नाम इसलिए वापस ले लिया क्योंकि आखिरी वक्त में मेरा नाम आगे बढ़ाया गया था, फिर जब राज्यसभा का मौका आया तो मैंने अपनी इच्छा जताई, लेकिन सुनेत्रा पवार का नाम आगे आया तो मैंने कुछ भी नहीं कहा। मैं क्या छोटा खिलौना हूं?..”
छगन भुजबल ने अप्रत्यक्ष रूप से अजित पवार पर उंगली उठाते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुझे कैबिनेट में शामिल करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अजित पवार के संपर्क में नहीं हूं- भुजबल
नासिक के येवला में समता परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद भुजबल ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, एनसीपी के सभी फैसले अजित पवार, सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल लेते हैं। सीएम फडणवीस ने मुझे कैबिनेट में शामिल करने के लिए कहा, वह मुझे मंत्री बनाने पर अड़े थे लेकिन अजित दादा ने आखिरी मिनट तक बात नहीं मानी। सवाल मंत्री पद का नहीं बल्कि सवाल यह है कि किस तरह से उन्हें नजरअंदाज किया गया। यह भी पढ़ें
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छगन भुजबल ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही खेल खेला गया था। इसके बाद जब मुझे राज्यसभा सांसद बनना था तो भी मौका नहीं दिया गया…मैं अजित पवार के संपर्क में नहीं हूं, प्रफुल पटेल, सुनील तटकरे के संपर्क में हूं। वरिष्ठ नेता ने कहा, अगर आप मुझे उठने के लिए कहेंगे तो मैं उठूंगा और अगर आप मुझे बैठने के लिए कहेंगे तो मैं बैठूंगा, छगन भुजबल ऐसी बातें सुनने वाले व्यक्ति नहीं हैं।