Maharashtra: मुंबई के करीब 350 वर्ग किमी में बसाया जाएगा नया शहर! शुरू हुई तैयारी
मध्य रेलवे ने बताया कि अप्रैल से अगस्त तक पांच महीने की अवधि के दौरान उसने कबाड़ हो चुके इंजन-डिब्बे आदि को बेचकर 160.64 करोड़ रुपये की कमाई की है। हालाँकि इस अवधि में रेलवे को स्क्रैप से 130.17 करोड़ रुपये ही मिलने की उम्मीद थी। लेकिन रेलवे को 23.40 फीसदी अधिक यानि 30 करोड़ रुपये ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ है।स्क्रैप में क्या-क्या बेचा?
मध्य रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अप्रैल से अगस्त के बीच मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के 168 यात्री कोच, मालगाड़ी के 83 डिब्बे, 8 EMU कोच, 8 डीजल इंजन, 4 इलेक्ट्रिक इंजन आदि बेचे गए। जिससे कुल 160.64 64 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
355 करोड़ कमाने का लक्ष्य
सेंट्रल रेलवे ने इस साल स्क्रैप की बिक्री से 355 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा है। मध्य रेलवे जीरो स्क्रैप पॉलिसी के तहत राज्य के प्रमुख स्टेशनों पर पड़े अपने कबाड़ को बेच रहा है। इससे न सिर्फ रेलवे को अतिरिक्त आय हो रही है, बल्कि रेलवे परिसर भी साफ-सुथरा हो रहा है। सेंट्रल रेलवे की इस पहल की तरह देश के अन्य विभाग भी जीरो स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ बेच रहे हैं।