scriptMumbai: देश के सबसे अमीर नगर निगम को बॉम्बे हाईकोर्ट ने फटकारा, कहा- मुंबई की सड़कें चलने लायक तक नहीं | Bombay High Court reprimanded country's richest municipal corporation BMC over Mumbai's road issue | Patrika News
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Mumbai: देश के सबसे अमीर नगर निगम को बॉम्बे हाईकोर्ट ने फटकारा, कहा- मुंबई की सड़कें चलने लायक तक नहीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दुकान के मालिक पंकज और गोपालकृष्ण अग्रवाल की एक याचिका पर सुनवाई की, जो बोरीवली (पूर्व) में गोयल प्लाजा में एक मोबाइल फोन गैलरी चलाते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि मुख्य सड़क पर अवैध फेरीवालों ने स्टाल और स्थायी कंस्ट्रक्शन किया है, जिस वजह से उनकी दुकान दिखाई नहीं देती है।

मुंबईNov 19, 2022 / 01:27 pm

Dinesh Dubey

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Bombay High Court Pulls Up BMC: मुंबई में चलने के लिए सड़क नहीं होने पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने देश के सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी (BMC) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह शर्मनाक बात है कि मुंबई की सड़कों पर चलने के लिए कोई जगह नहीं है, बीएमसी शहर का विकास वाहनों के लिहाज से कर रही है, न कि पैदल चलने वालों के लिए।
फुटपाथ पर अवैध फेरीवालों (Hawkers) को प्रवेश करने से रोकने संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम पटेल ने कहा “पैदल चलने की ओर बढ़ने के बजाय आप विपरीत दिशा में चले गए हैं और मोटरीकरण की ओर बढ़ गए हैं। कोस्टल रोड, मेट्रो… पैदल और साइकिल से जाने वाले लोगों का क्या होगा? आज मुंबई में एक भी ऐसी सड़क नहीं है जो चलने योग्य हो। यह वास्तव में अपमानजनक है।”
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जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस गौरी गोडसे की बेंच ने दुकान के मालिक पंकज और गोपालकृष्ण अग्रवाल की एक याचिका पर सुनवाई की, जो बोरीवली (पूर्व) में गोयल प्लाजा में एक मोबाइल फोन गैलरी चलाते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि मुख्य सड़क पर अवैध फेरीवालों ने स्टाल और स्थायी कंस्ट्रक्शन किया है, जिस वजह से उनकी दुकान दिखाई नहीं देती है। अगर उन्हें बीएमसी द्वारा हटाया भी जाता है तो वे वापस आ जाते हैं।
इससे पहले 11 नवंबर को यह देखते हुए कि याचिका ने पूरे शहर के एक बड़े मुद्दे को उठाया है, हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्माण, दुकानों, प्रतिष्ठानों, फुटपाथों पर बाधाओं के बारे में अपनी नीति के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया था।
बीएमसी के अधिवक्ता सागर पाटिल ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा और बताया कि इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक होनी है। हालांकि, जजों ने हॉकिंग जोन को चिन्हित किए बिना हर जगह फेरीवालों को अनुमति देने के लिए बीएमसी को फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि बीएमसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फेरीवाले कभी वापस न आएं क्योंकि जितनी बार उन्हें हटाया जाता है, वे वापस आ जाते हैं और “यह प्यारा उद्योग जारी रहेगा।” कोर्ट ने कहा कि अगर फेरीवाले लौटते हैं, तो वे वार्ड अधिकारी को जिम्मेदार ठहराएंगे। आदेश में, न्यायाधीशों ने कहा कि यह निर्विवाद है कि ये फेरीवाले अनधिकृत हैं क्योंकि यह स्थान हॉकिंग जोन नहीं है और उन पर कोई हॉकिंग नीति लागू नहीं है।

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