स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है, इसके खिलाफ शिंदे की शिवसेना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। शिंदे खेमे के भरत गोगावले ने याचिका दायर कर मांग की कि इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है।
यह भी पढ़ें
रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे शरद पवार, प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मिला न्योता
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना (शिंदे) के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा दायर याचिका पर शिवसेना (यूबीटी) को नोटिस जारी किया है, जिसमें 14 शिवसेना (यूबीटी) विधायकों को अयोग्य न ठहराने के स्पीकर के आदेश को चुनौती दी गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उद्धव गुट के 14 विधायकों और स्पीकर राहुल नार्वेकर को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने उन्हें 8 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। शिवसेना की याचिका पर जस्टिस गिरीश एस कुलकर्णी और जस्टिस फिरदोश पी पुनीवाला की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील अनिल सिंह ने याचिका में प्रतिवादिओं को नोटिस जारी करने की मांग की।
याचिका में क्या मांग की गई?
स्पीकर के निर्णय को मनमाना और असंवैधानिक के साथ अवैध भी बताया गया है। साथ ही दावा किया कि स्पीकर नार्वेकर अपने फैसले में यह साबित करने में भी विफल रहे कि ठाकरे गुट के विधायकों ने स्वेच्छा से शिवसेना पार्टी की सदस्यता छोड़ी है। उन्होंने साक्ष्य पर विचार नहीं किया। इसलिए उद्धव ठाकरे खेमे के विधायकों को अयोग्य न ठहराने का उनका आदेश कानूनन गलत है। इसलिए, इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
पिछले हफ्ते स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिवसेना पार्टी किसकी, और ठाकरे और शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। नार्वेकर ने शिंदे गुट द्वारा शिवसेना पर किए गए दावे को सही ठहराया। साथ ही शिंदे और ठाकरे गुट के सभी विधायकों को भी अयोग्य घोषित नहीं किया।
याचिका में क्या मांग की गई?
स्पीकर के निर्णय को मनमाना और असंवैधानिक के साथ अवैध भी बताया गया है। साथ ही दावा किया कि स्पीकर नार्वेकर अपने फैसले में यह साबित करने में भी विफल रहे कि ठाकरे गुट के विधायकों ने स्वेच्छा से शिवसेना पार्टी की सदस्यता छोड़ी है। उन्होंने साक्ष्य पर विचार नहीं किया। इसलिए उद्धव ठाकरे खेमे के विधायकों को अयोग्य न ठहराने का उनका आदेश कानूनन गलत है। इसलिए, इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
पिछले हफ्ते स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिवसेना पार्टी किसकी, और ठाकरे और शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। नार्वेकर ने शिंदे गुट द्वारा शिवसेना पर किए गए दावे को सही ठहराया। साथ ही शिंदे और ठाकरे गुट के सभी विधायकों को भी अयोग्य घोषित नहीं किया।
एक तरफ स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो दूसरी तरफ शिंदे गुट के विधायक और व्हिप गोगवले ने हाईकोर्ट का रुख किया है। गोगवले का कहना है कि उद्धव गुट के सभी 14 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में हुई बगावत से जून 2022 में पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई थी।