बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी रियाजुद्दीन काजी को 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। साथ ही कोर्ट ने रियाजुद्दीन के देश छोड़कर जाने पर रोक लगाते हुए उसे अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है। इसके अलावा रियाजुद्दीन को प्रत्येक शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कार्यालय में उपस्थित होना पड़ेगा।
इससे पहले मुंबई की एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिसकर्मी रियाजुद्दीन काजी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एनआईए ने रियाजुद्दीन को पिछले साल मुकेश अंबानी के आवास के पास एक स्कॉर्पियो में विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरेन की हत्या में कथित भूमिका के मामले में गिरफ्तार किया था।
आरोपी पुलिसकर्मी सचिन वाजे के साथ काम करने वाले काजी को अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की छड़ें मिलने के दौरान मुंबई अपराध शाखा की एक इकाई में तैनात किया गया था। पिछले साल 13 मार्च को वाजे की गिरफ्तारी के बाद मामले में काजी की भूमिका सामने आई थी। काजी पर मामले से जुड़े साक्ष्यों को नष्ट करने का आरोप है।
काजी और वाजे के अलावा मामले के अन्य आरोपियों में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा और पूर्व पुलिस कर्मी विनायक शिंदे तथा सुनील माने शामिल हैं। दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर के बाहर पिछले साल 25 फरवरी को स्कॉर्पियो में विस्फोटक सामग्री मिली थी। हिरेन ने तब दावा किया था कि वह उसकी गाड़ी है और चोरी हो गयी थी। कुछ दिन बाद 5 मार्च को हिरेन का शव ठाणे क्रीक (Thane Creek) में बरामद हुआ था।