बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को किया बरी, पहले मिली थी उम्रकैद की सजा
पिछले साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को जीएन साईबाबा के माओवादियों से कथित संबंध मामले में नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया था। दरअसल हाईकोर्ट ने इस मामले में दोषी साईबाबा और पांच अन्य को बरी करते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया था। लेकिन इस फैसले को महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए 19 अप्रैल 2023 को शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था।GN साईबाबा पर क्या थे आरोप?
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में कथित नक्सल विचारक साईबाबा और अन्य को माओवादियों से संबंध रखने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए सजा सुनाई थी। तब से वह नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इस मामले में उन्हें 2014 में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तारकिया गया था।