दिवंगत वरिष्ठ बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने बीड में कहा, “मैंने जीएसटी अधिकारियों से बात की। मैंने उनसे पूछा कि अचानक से ऐसा एक्शन क्यों लिया गया। उनका जवाब था कि उन्हें ऊपर से आदेश आया है।“ पंकजा ने बताया कि चीनी मिल पिछले छह-सात साल से घाटे में चल रही थी और इसमें अब ताला लगा ही। उन्होंने कहा कि 2013 से 2015 के सूखे की वजह से चीनी मिल का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ और कोविड-19 महामारी ने संकट को और बढ़ा दिया।
चीनी मिल पर 250 करोड़ रुपये का कर्ज
उन्होंने कहा “हमने इस मुद्दे को सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष भी उठाया था। मैंने केंद्रीय नेतृत्व को वित्तीय संकट और चीनी मिल के नुकसान की जानकारी दी थी। हमने चीनी मिलों के लिए सरकार से मदद भी मांगी थी।’
यह भी पढ़ें
अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर पर संजय राउत ने कहा- ‘…ऐसे एनकाउंटर करने वाले गए जेल’
चीनी मिल पर 250 करोड़ रुपये का कर्ज
उन्होंने कहा “हमने इस मुद्दे को सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष भी उठाया था। मैंने केंद्रीय नेतृत्व को वित्तीय संकट और चीनी मिल के नुकसान की जानकारी दी थी। हमने चीनी मिलों के लिए सरकार से मदद भी मांगी थी।’
जीएसटी रेड को झटका बताते हुए पंकजा मुंडे ने कहा, “चीनी मिल पर 250 करोड़ रुपये का कर्ज है। हम पहले ही 152 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं। कुछ छिपाने का सवाल ही नहीं था। 12 करोड़ रुपये जीएसटी का भुगतान किया जाएगा। किसी भी टैक्स से बचने का कोई इरादा नहीं था।“
धनंजय मुंडे के साथ बढ़ी करीबी
मालूम हो कि चीनी कारखाने पर छापेमारी से एक दिन पहले ही पंकजा को बीड के भगवानगढ़ (Bhagwangad) में अपने चचेरे भाई और एनसीपी के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) के साथ एक मंच पर देखा गया था। पंकजा ने पहली बार सफाई देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनके बीच गलतफहमी पैदा कर दी थी। धनंजय ने भी पंकजा की जमकर तारीफ की थी।
बीजेपी आलाकमान से हैं नाखुश!
दरअसल, पंकजा और धनंजय के अपने मतभेदों को खत्म करने के पीछे राजनीतिक मायने भी हैं। साल 2019 में पंकजा धनंजय के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में परली विधानसभा सीट (Parli Assembly Seat) से हार गई थीं. तब उन्होंने अपनी हार को बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों की साजिश करार दिया था। पंकजा मुंडे ने निराशा व्यक्त करते हुए अपने पतन के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद से कई मौके पर बीजेपी नेताओं व मुंडे के बीच तनातनी देखी गई।
हालाँकि पंकजा मुंडे की नाराजगी को कम करने के लिए उन्हें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की केंद्रीय बीजेपी टीम में जगह दी गई। नड्डा की टीम में उन्हें सचिव के रूप में शामिल किया गया और मध्य प्रदेश राज्य का सह-प्रभारी भी बनाया, लेकिन पंकजा इससे कुछ ज्यादा खुश नहीं थीं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पंकजा महाराष्ट्र के सियासी रण में राजनीति करना चाहती है। वह राज्य विधान परिषद या राज्य बीजेपी में नेतृत्व की भूमिका चाहती है।
उद्धव गुट और रांकपा का ऑफर ठुकराया
कुछ महीने पहले शिवसेना (उद्धव गुट) ने पंकजा को बीजेपी में अपमान का सामना करने के बजाय अपनी पार्टी में शामिल होने का खुला प्रस्ताव दिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की ओर से भी उन्हें कुछ ऐसे ही संकेत मिले थे। हालांकि, पंकजा स्पष्ट कह चुकी हैं कि उनकी वफादारी सिर्फ बीजेपी के साथ है।
उद्धव गुट और रांकपा का ऑफर ठुकराया
कुछ महीने पहले शिवसेना (उद्धव गुट) ने पंकजा को बीजेपी में अपमान का सामना करने के बजाय अपनी पार्टी में शामिल होने का खुला प्रस्ताव दिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की ओर से भी उन्हें कुछ ऐसे ही संकेत मिले थे। हालांकि, पंकजा स्पष्ट कह चुकी हैं कि उनकी वफादारी सिर्फ बीजेपी के साथ है।