फर्जी लोन एप के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और खंगाले गए डेटा में जांच एजंसियों को करीब ढाई लाख से ज्यादा लोगों के मोबाइल नंबर, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैकिंग ट्रांजेक्शन, कोड तक हैक कर उन डाटा को चीन और हॉन्ग कॉन्ग के किसी सर्वर बैंक में छुपाकर रखा गया है।
बता दें कि 2.5 लाख लोगों के प्राइवेट डिटेल्स की चोरी की शुरुआती जांच के दौरान यह बात सामने आई है, जिसे अलग-अलग रूट्स एक-एक फाइल के रुप में स्टोर करते हुए चीन के साइबर ठगों तक पहुंचाया गया है। जिसका उपयोग कभी चाइनीज हैकर्स वापस करते हुए आप के एकाउंट पर हाथ साफ कर सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर करने के लिए इन डाटा का उपयोग हो सकता है।
मुंबई साइबर सेल के डीसीपी हेमराज सिंह राजपूत ने कहा कि हमने मई महीने तक 105 सस्पेक्टेड एप का पता लगाए है और मई से अबतक 255 एप टेक डाउन किए हैं। लेकिन हमने नोटिस किया कि कई सस्पेक्टेड एप नाम बदलकर अभी भी उसी कंफिगरेशन के साथ उसी प्लेटफार्म पर सक्रिय हुए हैं। ऐसे में हमने एक अभियान शुरु किया है, जिसे हम निगरानी कर रहे हैं।
जांच एजेंसियों ने बताया कि चोरी किए गए उन डेटा का उपयोग कर दुबारा से इन लोगों के बैंक खाते को खाली करने का प्रयास कर सकते हैं और अगर वो ऐसा करने में कामयाब हुए तो ये इतिहास की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी होगी। डीसीपी के मुताबिक,अलग-अलग लिंक या एप द्वारा जब भी हम फर्जी लोन एप को डाउनलोड करते हैं तो वो हमारे फोन, कैमरा, डाटा, सबको वो एक्सेस देते हैं और सायबर ठग इसी का लाभ उठाते हैं। इससे बचने का सिर्फ एक ही उपाय है, जरूरी एहतियात बरतना। कोई भी एप को जब हम डाउनलोड करते हैं तो उसने तीन चीज पूछी जाती हैं don’t allow, allow while using app और always। उसमें से हमें सेटिंग में जाकर allow while using app कर देना है, ताकि उसका एक्सेस कोई किसी और को न मिले।