एकनाथ शिंदे की नाराजगी अफवाह
दरअसल, सीएनएन-न्यूज 18 के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी सरकार की कार्यशैली और सहयोगियों के साथ रिश्तों पर बातचीत की। एक सवाल के जवाब में देवेंद्र फडणवीस ने कहा “महाराष्ट्र में तीन दलों की सरकार होने के चलते हर मुद्दे पर चर्चा और सामूहिक निर्णय आवश्यक हो जाता है। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर कोई देर नहीं की गई। साथ ही एकनाथ शिंदे भी किसी बात को लेकर नाराज नहीं थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद के लिए कैसे राजी हुए। यह भी पढ़ें
मिड-डे मील खाने से स्कूल के 70 बच्चों की बिगड़ी तबीयत, अस्तपाल में भर्ती
एकनाथ शिंदे ने पहले ही मान लिया था भाजपा का सीएम
देवेंद्र फडणवीस ने बताया “महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें एकनाथ शिंदे जी ने यह मान लिया कि ज्यादा विधायक होने के चलते महाराष्ट्र में सीएम पद भाजपा को ही मिलना चाहिए।” इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि शिंदे के डिप्टी सीएम बनने पर असहमति की खबरें चल रही थीं? इसपर देवेंद्र फडणवीस ने कहा “अगर पार्टी का मुखिया ही सरकार के बाहर रहे तो पार्टी नहीं चल सकती। मैंने शिंदे जी को यही समझाया। शिंदे जी भावुक स्वभाव के हैं। जबकि अजित दादा व्यावहारिक राजनीति करते हैं। मैंने दोनों से तालमेल बिठा लिया है।”महाराष्ट्र में राजनीतिक चुनौतियों पर भी चर्चा
इंटरव्यू के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने बताया “बीते ढाई साल उनके लिए टेढ़े-मेढ़े सफर से कम नहीं थे। अब तीन दलों की सरकार है। इसलिए विभागों का बंटवारा भी सामूहिक फैसले के अनुसार किया जाएगा। चाहे गृह मंत्रालय हो या कोई और, हम सब मिलकर निर्णय लेंगे। इस दौरान महाराष्ट्र की राजनीतिक चुनौतियों पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा “साल 2019 में उद्धव ठाकरे के धोखे के बाद महाराष्ट्र में भाजपा ने लगातार संघर्ष किया। हमने ढाई साल तक लड़ाई लड़ी और इस दौरान हमारे सहयोगी भी हमारे साथ रहे।” यह भी पढ़ें