नासिक के साधु संतों ने कहा कि बागेश्वर बाबा यानी धीरेंद्र शास्त्री ने यह कभी दावा नहीं किया है कि वह चमत्कार करते हैं। लेकिन अगर लोग कह रहे हैं कि उनके पास जाने से मेरा भला हो रहा है, तो अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति (ANIS) द्वारा उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाना गलत है।
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उन्होंने आरोप लगाया है कि हिंदू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है। यहाँ तक की महाराष्ट्र से अंधविश्वास उन्मूलन अधिनियम को निरस्त कराने के लिए आज साधु महंत एकजुट हुए हैं। नासिक के रामकुंड में आज विरोध प्रदर्शन किया गया। इस आंदोलन में 10 अखाड़ों के साधु और महंतों के शामिल होने की खबर हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को लेकर महंत अनिकेत शास्त्री ने कहा, “बागेश्वर बाबा ने कभी भी और कहीं भी यह दावा नहीं किया कि उनके पास अद्भुत शक्तियां हैं। महाराज के पास जाने से अगर कल्याण हुआ है और फिर भी अनीस (ANIS) इस आधार पर अंधविश्वास से जुड़ा केस दर्ज करवाता हैं, तो यह बहुत गलत बात है।”
अद्भुत शक्तियां होने का दावा करना सही नहीं
महंत अनिकेत शास्त्री ने आगे कहा, बागेश्वर धाम का कार्य बहुत अच्छा है। लेकिन अगर वे ऐसा दावा कर रहे हैं कि उनके पास अद्भुत शक्तियां हैं, तो वह भी निंदनीय है और सनातन धर्म द्वारा इसका कभी भी समर्थन नहीं किया जायेगा।
अद्भुत शक्तियां होने का दावा करना सही नहीं
महंत अनिकेत शास्त्री ने आगे कहा, बागेश्वर धाम का कार्य बहुत अच्छा है। लेकिन अगर वे ऐसा दावा कर रहे हैं कि उनके पास अद्भुत शक्तियां हैं, तो वह भी निंदनीय है और सनातन धर्म द्वारा इसका कभी भी समर्थन नहीं किया जायेगा।
51 लाख रुपये के इनाम का ऐलान
उन्होंने कहा, साधु संतों ने हमेशा समाज को सुधारा है। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिंदू होते हैं। दूसरे धर्मों के अंधविश्वासों के खात्मे की ओर यह कभी नहीं देखता। उनका मकसद केवल हिंदू धर्म को निशाना बनाना है। इसलिए महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन अधिनियम को जल्द से जल्द निरस्त किया जाना चाहिए। महंत अनिकेत शास्त्री ने भी चुनौती देते हुए कहा कि चमत्कार साबित करने के दावे मौलाना, पादरी, भंते (Bhante) करते हैं। अगर वह इसे साबित करते हैं तो हम 51 लाख रुपये का इनाम देंगे।
क्या है विवाद?
मध्यप्रदेश के जाने-माने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास को फैलाने और बढ़ावा देने का आरोप लगा है। उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी हो चुकी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में श्रीराम चरित्र-चर्चा का आयोजन हुआ था। तब वहां धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगा था। इस दौरान अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पर जादू-टोने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था। धीरेंद्र शास्त्री पर दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिए जाने का आरोप था। इसके बाद से लगातार यह विवाद जारी है।