एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले दो शूटरो हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) को वारदात के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया था। जबकि शिवा वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहा था।
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क्राइम ब्रांच को शिवा ने बताया कि वो अपने आसपास के लोगों से बाबा सिद्दीकी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटा रहा था। और जब उसे पता चला कि अब बाबा सिद्दीकी नहीं बच सकते तो वो वहां से चला गया। शूटर ने बताया कि उसे फोन पर बाबा सिद्दीकी की मौत की जानकारी मिली। इसके बाद आरोपी शूटर रिक्शा से कुर्ला स्टेशन पहुंचा, जहां से उसने एक लोकल ट्रेन पकड़ी। ट्रेन में सफर करने के दौरान ही उसके पास फोन आया, जिसमें उसे बाबा सिद्दीकी के मौत के बारे में जानकारी दी गई।
शिवकुमार ने बताया कि जब उसे पता चला कि बाबा सिद्दीकी की मौत हो चुकी है, तो उसने अपनी शर्ट बदली और घटनास्थल पर गया। जहां एनसीपी नेता की हत्या को लेकर हंगामा हो रहा था। वह करीब 30 मिनट तक सब कुछ देखता रहा।
शिवकुमार ने कुबूलनामें में हैरान कर देने वाली बात बताई है. उसने खुलासा किया कि हत्या के बाद पुलिसवाले ने उससे भी पूछा था कि उसने किसी को भागते हुए देखा है। जब शिवा घटनास्थल पर खड़ा था तो पुलिस हर किसी से पूछ रही थी कि क्या उन्होंने किसी को भागते या संदिग्ध को देखा है? पुलिसकर्मी के पूछने पर शिवा ने कहा कि उसने नहीं देखा है।
वैष्णो देवी जाने वाले थे आरोपी
शूटर शिवा ने बताया कि बाबा सिद्दीकी को मौत के घाट उतारने के बाद उज्जैन रेलवे स्टेशन पर धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह से मिलने की योजना थी। इसके बाद बिश्नोई गैंग के लोग वैष्णो देवी मंदिर लेकर जाने वाले थे। लेकिन वह दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इस वजह से वह पुणे गया और फिर लखनऊ की ट्रेन पकड़ी। जहां से वो रोडवेज बस से बहराइच गया। जहां से वह नेपाल भागने वाला था, लेकिन यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच ने रविवार को शूटर शिवकुमार को बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब हो कि पूर्व मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी (अजित पवार) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या 12 अक्टूबर की रात कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के शूटरों ने मुंबई में की। 66 वर्षीय नेता को उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के बांद्रा स्थित ऑफिस के बाहर गोली मारी गई। पुलिस ने वारदात के कुछ ही समय बाद दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उनका संबंध लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से है।