भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) यूयू ललित (UU Lalit) और जस्टिस एस रवींद्र भट की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अपील पर ईडी (Enforcement Directorate) की याचिका को स्वीकार कर लिया है। देश की शीर्ष कोर्ट में जल्द ही इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किये जाने की संभावना है।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। हालांकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का समय देने के लिए जमानत आदेश 13 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इस मामले की जांच ईडी द्वारा जांच की जा रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी (Enforcement Directorate) द्वारा अपने समक्ष पेश किये सबूतों के आधार पर टिप्पणी की थी कि देशमुख को इस मामले में दोषी नहीं ठहराये जाने की अधिक संभावना है। इस बीच अनिल देशमुख ने भी बीते मंगलवार को विशेष कोर्ट में सीबीआई (CBI) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने की गुहार लगाई है।
गौरतलब हो कि ईडी ने 71 वर्षीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख को पिछले साल 2 नवंबर को भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। वहीँ, सीबीआई भी उनके खिलाफ केस दर्ज मामले की जांच कर रही है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद अप्रैल 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री पिछले 11 महीनों से मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।